
ट्रॉलर की तलाशी लेने पर कुछ बांग्लादेशी और भारतीय नागरिकों के पहचान पत्र मिले.
विशिष्ट इंटेलिजेंस के आधार पर, एक मछली पकड़ने के ट्रॉलर को कस्टम्स आयुक्तालय (प्रिवेंटिव), पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के द्वारा 6-7 सितंबर की मध्यरात्रि में इंटरसेप्ट किया गया, जो कि डायमंड हार्बर की ओर से सागर द्वीप आ रहा था. खुफिया जानकारी के अनुसार मछली पकड़ने की आड़ में भारतीय मूल का माल लेकर एक अनधिकृत नदी के मार्ग और चैनल का उपयोग करके बांग्लादेश को पार कर रहा था. तटरक्षक (Indian Cost Guard) बल के समर्थन के साथ सीमा शुल्क (Customs) के अधिकारियों ने विभिन्न रणनीतिक बिंदुओं पर सतर्कता रखी थी.
इस रास्ते पर मछली पकड़ने के ट्रॉलर को दूर से पहचाना गया, लेकिन ट्रॉलर ने मार्ग बदल दिया और आधिकारिक जहाजों को देखने के बाद भागने का प्रयास किया गया, आखिरकार उन्हें गोनखली के पास रोक दिया गया. बोर्ड पर सवार लोगों ने ट्रॉलर को छोड़ दिया और पानी में कूद गए और भागने का प्रयास किया लेकिन उनमें से 6 को बाद में भारतीय तटरक्षक और स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया.
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ट्रॉलर की तलाशी लेने पर कुछ बांग्लादेशी और भारतीय नागरिकों के पहचान पत्र के साथ विभिन्न दस्तावेज बरामद किये गए. बांग्लादेशी सिम कार्ड के साथ कुछ व्यक्तिगत सामान जो सभी बांग्लादेश में बने थे वो भी बरामद किए गए. ट्रॉलर में बांग्लादेश के झंडे भी मिले और ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद उन्हें दिखाया जाता रहा होगा.
ट्रॉलर में सवार व्यक्ति साड़ी / गारमेंट्स की तस्करी में संलग्न थे, जो ट्रॉलर के अंदर लगभग 400 जूट बैग छुपाए थे, जिनकी कीमत लगभग 3.3 करोड़ रुपए थी . गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में पुष्टि हुई कि यह जहाज बांग्लादेश में भारतीय सामानों की तस्करी करने के इरादे से एक अनधिकृत मार्ग से बांग्लादेश को पार करने के लिए जा रहा था. मामले में आगे की जांच प्रक्रियाधीन है.
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इस इंटरसेप्शन से पता चला है कि किसी भी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, इन सभी अनधिकृत मार्गों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. हाल के दिनों में, बांग्लादेश से तस्करी का यह सबसे बड़ा मामला है.