स्वामी रामभद्राचार्य ने कोरोना को दी मात, मिली अस्पताल से छुट्टी

लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान(पीजीआई) में भर्ती जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य 22 दिन बाद कोरोना से जंग जीत गए। उनकी दो लगातार कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिसके बाद शनिवार को उन्हें पीजीआई से छुट्टी दे दी गई।

Swami Rambhadracharya

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कोरोना को मात दी (फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान(पीजीआई) में भर्ती जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने 22 दिन बाद कोरोना से जंग जीत गए। उनकी दो लगातार कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिसके बाद शनिवार को उन्हें पीजीआई से छुट्टी दे दी गई।

स्वामी रामभद्राचार्य को 22 अगस्त को कोविड निमोनिया जैसे खांसी, सांस फूलना और बुखार के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑक्सीजन सैचुरेशन कम होने के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था।

पीजीआई निदेशक डॉ आरके धीमन के नेतृत्व में उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई जिसमें डॉ आरके सिंह, डॉक्टर आलोक नाथ, डॉक्टर जिया हाशिम, डॉक्टर संदीप साहू, डॉक्टर अजमल, डॉ अनिल अग्रवाल शामिल थे। यथोचित उपचार के पश्चात स्वास्थ्य में निरंतर सुधार आने पर उन्हें प्राइवेट कक्ष में रखा गया।

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स्वामी ने अत्यंत धैर्य पूर्वक अपना उपचार करवाया और चिकित्सकों के अथक प्रयासों से उन्हें उपचार में त्वरित लाभ प्राप्त हुआ। स्वास्थ्य लाभ होने पर तथा कोरोना मुक्त होने पर उन्हें आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन और उनके उपचार से जुड़े संकाय सदस्यों ने उनके स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए उन्हें विदा किया। स्वामी ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आशीर्वचन दिया और उनके स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना की।

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साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना को भी आज राजधानी कोरोना अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्हें 6 सितंबर को कोविड निमोनिया के लक्षणों के साथ कोरोना अस्पताल में भर्ती किया गया था। ऑक्सीजन सैचुरेशन ठीक होने पर उन्हें प्राइवेट कक्ष में रखा गया। भर्ती के उपरांत आवश्यक दवाइयां व उपचार प्रारंभ किया गया। कोरोना मुक्त और पूर्णतया स्वस्थ होने पर उन्हें आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में इधर कई दिनों से 5 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में राजधानी लखनऊ की हालत सबसे खराब है।

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