उर्मिला मातोंडकर ने कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर जताई आपत्ति, बोलीं- जब हल चलाने वाले हाथ...

पुलिस द्वारा किसानों पर की गई लाठीचार्ज को लेकर उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने आपत्ति जताई है. उर्मिला मातोंडकर ने ट्वीट कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

उर्मिला मातोंडकर ने कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर जताई आपत्ति, बोलीं- जब हल चलाने वाले हाथ...

किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने किया ट्वीट

खास बातें

  • हरियाणा में पुलिस ने किया किसानों पर लाठीचार्ज
  • सोशल मीडिया पर उर्मिला मातोंडकर ने जताई आपत्ति
  • उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि जब हल चलाने वाले हाथ...
नई दिल्ली:

हरियाणा के कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं, विरोध प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान संघ ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया है. पुलिस द्वारा किसानों पर की गई लाठीचार्ज को लेकर उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने आपत्ति जताई है. उर्मिला मातोंडर ने ट्वीट कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. साथ ही कहा कि जब हल चलाने वाले हाथ सिस्टम पर उठने पर मजबूर हो जाते हैं. 

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उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) का किसानों को लेकर किया गया यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. अपने ट्वीट में उर्मिला मातोंडकर ने किसानों पर पुलिस द्वारा किये लाठीचार्ज पर आपत्ति जताते हुए लिखा, 'कितना दुर्भाग्यपूर्ण वक्त है यह...जब हल चलाने वाले हाथ सिस्टम पर उठने पर मजबूर हो जाते हैं.' बता दें कि उर्मिला के अलावा जीशान अय्यूब जैसे बॉलीवुड कलाकार ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर ट्वी किया था. अपने ट्वीट में जीशान ने कहा था, "लाठी मारने से क्या होगा यार, गोली मार दो सारे किसानों को, मजदूरों को और आम लोगों को." अपने ट्वीट के जरिए जीशान ने प्रशासन पर निशाना साधने की कोशिश की थी. 

बता दें कि जहां एक तरफ भारतीय किसान संघ ने दावा किया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज की है तो वहीं एक पुलिस अधिकारी का कहना है, "सैकड़ों किसान पिपली चौक तक पहुंचे और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया." अधिकारी ने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया. बाद में, प्रदर्शनकारी यातायात रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर धरने पर बैठ गए. "किसान बचाओ, मंडी बचाओ"  रैली के लिये किसानों को पिपली अनाज मंडी में पहुंचने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई कड़ी व्यवस्था के बावजूद कई किसान वहां पहुंचने में कामयाब रहे.