AK-203 से कांपे चीन-पाक: 600 गोलियां मिनटों में दागेगी, भारत हुआ मजबूत

चीन से चल रही तनातनी के चलते देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। बृहस्पतिवार को राजनाथ सिहं ने रूस के रक्षा मंत्री से मुताकात की थी। ऐसे में दोनों देशों के बीच तमाम अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और समझौता भी हुआ।

AK-203 rifle

फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली। चीन से चल रही तनातनी के चलते देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। बृहस्पतिवार को राजनाथ सिहं ने रूस के रक्षा मंत्री से मुताकात की थी। ऐसे में दोनों देशों के बीच तमाम अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और समझौता भी हुआ। इसके साथ ही रूस की लाजवाब AK-203 रायफल को अब भारत में बनाया जाएगा। इस बारे में भी दोनों देशों के बीच बात आगे बढ़ गई है। ये रायफल एक मिनट में 600 गोलियां फायर करने की क्षमता रखती है।

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ऑटोमैटिक मोड पर चलेगी मिसाइल

संकट के इस दौर में रूस की डिफेंस इंडस्ट्री जल्द ही भारत के मेक इन इंडिया प्रोग्राम में भी अपना योगदान दे सकती है। जिसके चलते भारत में हथियारों का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है। इसके साथ ही रूस अगले साल होने वाले भारत के एयरो इंडिया एग्जीबेशन में हिस्सा ले सकता है।

बता दें, AK-203 रायफल, AK-47 का अत्याधुनिक मॉडल है। यदि भारतीय सेना में ये राईफल शामिल होती है, तो ये इंसास रायफल की जगह लेगा। अपनी 100 प्रतिशत सफलता के लिए मशहूर AK-203, कन्वर्टेबल रायफल है। इस राइफल को सेमी-ऑटोमेटिक और ऑटोमैटिक मोड पर चलाया जा सकता है।

Russia AK-203 rifle
फोटो-सोशल मीडिया

गोलियों से भरी 4 किलोग्राम की इस राइफल से नाइट ऑपरेशन में भी काफी मदद होगी। ये राइफल एक सेकेंड में 10 राउंड फायर करती है। सामान्य भाषा में समझे तो एक मिनट में 600 गोलियां दुश्मन के सीने में उतार सकती है।

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दुनिया को सबसे खतरनाक गन देने वाली शख्‍सियत का नाम

साथ ही जरूरत पड़ने और पर 700 राउंड भी फायर किया जा सकता है। दुनिया को सबसे खतरनाक गन देने वाली शख्‍सियत का नाम है, मिसाइल क्लैशनिकोव। जोकि इन्हीं के नाम पर एके-47 का नाम पड़ा। बता दें, एके का फुलफॉर्म ऑटोमैटिक क्लैशनिकोव होता है।

जानकारी के लिए बता दें, कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में भारत-रूस ने मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर लगाया है, जहां पर इन राइफल का निर्माण होना है। साथ ही कुछ समय पहले पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी, लेकिन रूस के साथ दामों को लेकर मामला रूका हुआ था। अब रक्षा मंत्रियों की बातचीत में संकेत मिले हैं, तो ये निर्माण की योजना आगे बढ़ सकती है और काम शुरू हो सकता है।

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