
फोटो- सोशल मीडिया


नई दिल्ली। बड़ी खबर आ रही है। शुक्रवार को यानी आज ताइवान ने दावा किया है कि उसने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई को मार गिराया है। चीन के इस विमान ने ताइवान के हवाई इलाके में प्रवेश किया था। जिसके चलते ताइवान ने चीनी विमान पर हमला बोल दिया। इस घटना में पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया और नाजुक हालत में उसे हिरासत में ले लिया गया है।
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सुखोई विमान को मार गिराया
ताइवान ने अपने देश के हवाई इलाके में चीनी विमान के प्रवेश करने पर घावा बोलते हुए सुखोई विमान को मार गिराया। जिसमें विमान में सवार पायलट घायल हो गया और उसे ताइवान द्वारा हिरासत में ले लिया गया। ताइवान ने चीनी विमान को कई बार चेतावनी दी लेकिन इसके बावजूद चीना का विमान उसके हवाई क्षेत्र में बना रहा।
ऐसे में रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा कि ताइवान ने अपने हवाई क्षेत्र में घुस आए चीनी सुखोई-35 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। इसका वीडियो वायरल हो गया है। इसके ताजा होने का दावा किया जा रहा है। ये भी बताया जा रहा है कि ताइवान ने इस हमले में अमेरिकी पेट्रियाट मिसाइल डिफेंस सिस्टम का उपयोग किया है।
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आपको बता दें, पीपल्स लिबरेशन आर्मी चीन और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेना का नाम है। इस सेना की पाँच व्यावसायिक शाखेँ हैं। जो इस प्रकार हैं- स्थल सेना, जल सेना, वायु सेना, रॉकेट् सेना, रणनीतिक सपोर्ट सेना।
भारत की बात करें तो चीन को देश ने एक और बड़ा झटका दिया है। भारत ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर ऑफिसर की अध्यक्षता वाले गैर सरकारी संगठन (NGO) चाइनीज एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग (CAIFU) से जुड़े लोगों के वीजा को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
#BrekingNews : #Taiwan air defence system shoots down #China #PLA – Airforce aircraft after intrusion into Taiwanese airspace. pic.twitter.com/Hs0qEOjfQK
— News Line IFE 🌈Live📡 (@NewsLineIFE) September 4, 2020
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सख्ती से जांच पड़ताल करने का निर्देश
इन सभी लोगों के वीजा आवेदनों की सख्ती से जांच पड़ताल करने का निर्देश दिया है। ऐसे में भारत के हिसाब से ये संगठन देश के लिए खतरा हो सकता है, जिस वजह से ये फैसला लिया गया है।
इस बारे में सबंधित अधिकारियों के हिसाब से भारत सरकार चीन के जिस एनजीओ से जुड़े लोगों के वीजा आवेदनों पर सख्ती से कार्रवाई करने जा रही है उसका सीधा संबंध कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल कमेटी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट से है। बताया जा रहा है कि ये संगठन चीन से बाहर नेताओं, थिंक टैंक सदस्यों और मीडिया को प्रभावित करने का काम करते हैं।
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