
सुप्रीम कोर्ट- फाइल फोटो
NEET-JEE Exam : सितंबर में होने वाली NEET-JEE परीक्षा स्थगित करने की याचिकाओं को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 17 अगस्त के आदेश के खिलाफ छह राज्यों के छह कैबिनेट मंत्रियों की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को विचार करेगा. तीन जजों की बेंच चेंबर में विचार करेगी. जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच दोपहर 1.30 बजे विचार करेगी.
17 अगस्त को फैसला देने वाले पीठ की अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे थे जो रिटायर हो चुके हैं. उनकी जगह जस्टिस अशोक भूषण ने ली है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है. वकील सुनील फर्नांडिस के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का 17 अगस्त का आदेश NEET/JEE परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों/उम्मीदवारों की सुरक्षा और उनके जीवन के अधिकार को सुरक्षित करने में विफल रहा है.
याचिकाकर्ताओं में मोलोय घटक (मंत्री-प्रभारी, श्रम और ईएसआई (एमबी) योजना और कानून और न्यायिक विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. रामेश्वर उरांव (कैबिनेट मंत्री, झारखंड सरकार), डॉ. रघु शर्मा (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, राजस्थान सरकार), अमरजीत भगत (खाद्य, नागरिक आपूर्ति, संस्कृति, योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, छत्तीसगढ़ सरकार), बलबीर सिंह सिद्धू (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) और श्रम, पंजाब सरकार), और उदय रवींद्र सामंत (उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री, महाराष्ट्र सरकार) शामिल हैं.
गौरतलब है कि 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2020 में होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी थी. पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का करियर संकट में आ जाएगा.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि जीवन को COVID-19 में भी आगे बढ़ना चाहिए. क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए. अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे.