
डॉक्टर कफील ने कहा- शुक्र है रास्ते में STF ने मेरा एनकाउंटर नहीं किया। (फोटो- सोशल मीडिया)


लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात रहे डॉ कफील खान के ऊपर से NSA हटाने और उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश देने के बाद डॉक्टर मंगलवार आधी रात मथुरा जेल से बाहर आ गए हैं।
डॉ. कफील पर कांग्रेस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। इसी मामले में बीते सात महीनों से वो मथुरा जेल में बंद थे।
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शुक्र है STF ने मेरा एनकाउंटर नहीं किया
जेल से रिहाई मिलने के बाद डॉक्टर कफील खान ने राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि शुक्र है कि मुंबई से लाते वक्त STF ने मेरा एनकाउंटर नहीं किया। डॉ. कफील का इशाना बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर था।
उन्होंने जेल से बाहर निकलकर वहां मौजूद मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों को राधे-राधे कहकर अभिनंदन किया। साथ ही रिहाई और NSA हटाने के लिए न्यायपालिका को शुक्रिया कहा। जब वो जेल से बाहर आए तो उनके भाई व पूर्व कांग्रेस विधायक प्रदीप माथुर भी वहां मौजूद रहे।
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फिर किसी मामले में फंसा सकती है सरकार
डॉक्टर कफील ने जेल से बाहर निकलकर कहा कि प्रशासन अभी भी उन्हें रिहा नहीं करना चाहता था, लेकिन वह लोगों की दुआओं की वजह से छूटे हैं। लेकिन आशंका है कि सरकार उन्हें फिर किसी मामले में फंसा सकती है। उन्होंने कहा कि अब वह बिहार और असम में बाढ ग्रस्त इलाकों में जाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करना चाहेंगे।
प्रदेश का राजा कर रहा बालहठ
उन्होंने कहा कि रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को राजधर्म निभाना चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राज धर्म नहीं निभा रहा, बल्कि बालहठ कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड के बाद से ही उनके पीछे पड़ी हुई है और उनके परिवार को भी काफी कुछ सहना पड़ा है।
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क्या दिया था बयान?
गौरतलब है कि डॉ. कफील ने पिछले साल 2019 में 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में करीब 600 छात्रों को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित भाषण दिया था। कफील ने कहा था कि, नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों को सेकंड क्लास का नागरिक बनाता है और एनआरसी लागू होते ही लोगों को प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाएगा। इस भड़काऊ भाषण के बाद ही उन्हें जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। वह करीब सात महीने तक जेल में बंद रहे।
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पहले भी इस मामले में जा चुके हैं जेल
इससे पहले वर्ष 2017 में भी डॉ. कफील खान को गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से हुई दर्जनों बच्चों की मौत के मामले में भी उन्हे गिरफ्तार किया गया था लेकिन दो साल चली जांच के बाद डॉ. कफील खान को इस मामले में सभी प्रमुख आरोपों में क्लीनचिट मिल गई थी।
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