विकास दुबे एंकाउंटर: चौबेपुर थाने का हुआ शुद्धिकरण, भगवान से की गई प्रार्थना

थाने पर नई तैनाती पाए पुलिस कर्मियों ने थाने में हवन-पूजन कराया। हालांकि कानपुर के एसपी ग्रामीण ने इसे सामान्य पूजन बताते हुए कहा कि हवन-पूजन के के पीछे कोई विशेष बात नहीं है।

kanpur-Chaubepur police station

चौबेपुर थाने का हुआ शुद्धिकरण (social media)

लखनऊ: पूरे देश में चर्चा का विषय बना कानपुर वाले विकास दुबे के बिकरू कांड के बाद चौबेपुर थाना पुलिस इस कदर सहमी थी कि घटना के साठ दिन पूरे होने और अंतिम आरोपित की गिरफ्तारी के बाद चैन की सांस ले रही थाने की पुलिस ने नए सिरे से काम शुरू करने से पहले हवन-पूजन कर थाने का शुद्धिकरण किया। इसके लिए थाने पर नई तैनाती पाए पुलिस कर्मियों ने थाने में हवन-पूजन कराया। हालांकि कानपुर के एसपी ग्रामीण ने इसे सामान्य पूजन बताते हुए कहा कि हवन-पूजन के के पीछे कोई विशेष बात नहीं है।

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चैबेपुर थाने में पूजा-पाठ को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई

चौबेपुर थाने में पूजा-पाठ को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई और वीडियो भी वायरल हो गया। खबर है कि इस हवन-पूजन में थाने के पुलिस कर्मियों ने भी हिस्सा लिया और क्षेत्र में शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। हालांकि इस दौरान अपनी शिकायतों के साथ पहुंचे लोगों को पूजन समाप्ति तक इंतजार करना पड़ा।

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kanpur-Chaubepur police station (social media)

बता दे कि बीती 02 जुलाई की रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले में सीओ समेत आठ जवान शहीद और पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। ये घटना देश-दुनिया की सुर्खियां बन गई थी और हमले के मुख्य आरोपित विकास दुबे और उसके सहयोगियों की तलाश में पुलिस जुट गई थी। 07 दिन के अंदर एसटीएफ और पुलिस टीम ने मुख्य आरोपित विकास दुबे समेत 06 अभियुक्तों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।

अब तक कुल 35 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है

वहीं अब तक कुल 35 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। बीते सोमवार को पुलिस आखिरी आरोपित रामू बाजपेयी को गिरफ्तार किया था। घटना की जांच एसआइटी और न्यायिक आयोग कर रही है। बिकरू कांड में चैबेपुर थाने की पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध मिली थी।

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एसओ रहे विनय तिवारी के संबंध दुर्दांत विकास दुबे से उजागर होने के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था और उन्हें संस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद थाने के अन्य पुलिस कर्मियों की मिलभगत सामने आने पर दारोगा और सिपाहियों को भी जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था। इस तरह जांच में भूमिका संदिग्ध देखकर पूरा थाना संस्पेंड करके नई तैनातियां की गई थीं। इसके बाद से नया स्टॉफ थाने में कार्य कर रहा है। बिकरू कांड को लेकर लगातार शासन से लेकर प्रशासन तक उच्चाधिकारियों की आमद थाने में बनी रही है और पूछताछ का सिलसिला जारी है। कांड से थाने का स्टाॅफ भी सहम गया है।

मनीष श्रीवास्तव

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