BJP पर बरसे अन्ना हजारे, भ्रष्टाचार को लेकर मोदी सरकार पर बोला हमला

आपकी राष्ट्रीय पार्टी पिछले छह वर्षों से अधिक समय से देश पर शासन कर रही है और आप देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करते हैं।

Anna Hajare

अन्ना हजारे का बीजेपी को जवाब (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के जनांदोलन में शामिल होने के आग्रह पर अन्ना हजारे ने खरी-खरी सूना दी है। अन्ना हजारे ने अपने जवाब में कहा है कि जब तक सिस्टम या व्यवस्था नहीं बदली जाती, तब तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा और मेरे दिल्ली आने से भी इसमें कोई अंतर नहीं आएगा।

भाजपा सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की

अन्ना ने पूछा है कि भाजपा ने भ्रष्टाचार ख़त्म करने का वादा किया था उसका क्या हुआ? दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोमवार को अन्ना हजारे को पत्र लिखकर उनसे केजरीवाल सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के “जन आंदोलन” में शामिल होने का आग्रह किया था। अन्ना ने अपने पत्र में कहा, ‘मैं आपके पत्र से बहुत निराश हूं।

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अन्ना हजारे का बीजेपी को जवाब (फाइल फोटो)

आपकी राष्ट्रीय पार्टी पिछले छह वर्षों से अधिक समय से देश पर शासन कर रही है और आप देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप एक 83 वर्षीय ऐसे व्यक्ति जो 10 गुणे 12 फीट कमरे में रह रहा है और जिसके पास पैसा और ताकत भी नहीं है, आप उससे मदद मांग रहे हैं।‘

क्या खोखले थे वादे?

Anna Hajare
अन्ना हजारे का बीजेपी को जवाब (फाइल फोटो)

अन्ना ने पूछा है कि प्रधानमंत्री ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया। अगर दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो आपकी सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के आपके वादे थोथे थे? उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी 2014 में देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं बदला। मुझे लगता है कि देश में कोई पार्टी नहीं है जो भारत को एक उज्ज्वल भविष्य दे सके।

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भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद रखने वाले अन्ना ने कहा, वर्तमान हालात में देश की कोई भी पार्टी देश को उज्जवल भविष्य दे पाएगी, ऐसा मुझे नहीं लगता। सत्ता से पैसा और पैसों से सत्ता, इस चक्र में बहुत-सी पार्टियां लगी हुई हैं। सत्ता कोई भी पक्ष या पार्टी की क्यों न हो, जब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी, तब तक लोगों को राहत नहीं मिलेगी। एक पक्ष को सिर्फ दूसरे पक्ष की पार्टी के दोष दिखते हैं, मगर कभी खुद में भी झांककर देखना चाहिए और खामियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए।