
जान के बदले एग्जाम नहीं: अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को लिखा पत्र, कही ये बात


लखनऊ: NEET और JEE की परीक्षा आयोजन के समर्थन में जहां भाजपा की ओर से ने तर्क दिया जा रहे हैं, वहीं विपक्ष ने इसे विरोध का मुद्दा बना लिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को भाजपा के खिलाफ खुला पत्र लिखकर ऐलान कर दिया कि जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा।
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अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर कहा ये
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 27, 2020
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुबह सबसे पहले सोशल मीडिया में टिप्पणी करते हुए कहा कि -“जान के बदले एग्जाम, नहीं चलेगा- नहीं चलेगा”।
इसके बाद उन्होंने परीक्षार्थियों और अभिभावकों के समर्थन में एक खुला पत्र जारी किया । पत्र में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के जेईई व नीट परीक्षा आयोजन के फैसले का खुलकर विरोध किया है।
परीक्षा केंद्रों के बाहर वह अपने कैबिनेट मंत्री सांसद और विधायक तैनात करें
अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि अगर भाजपा को लगता है कि परीक्षार्थियों और अभिभावकों की मांग को दरकिनार कर वह जानलेवा एग्जाम करवा रही है तो परीक्षा केंद्रों के बाहर वह अपने कैबिनेट मंत्री सांसद और विधायक तैनात करें।
साथ ही विद्यार्थियों के आने-जाने खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध वैसे ही करें जैसे विधायकों की खरीद-फरोख्त के समय करते हैं उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से यह आशा पद बात फैलाई जा रही है कि जब लोग घर से दूसरे कामों पर निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते।
NEET, JEE व अन्य परीक्षाएं रोकने के लिए हृदयहीन सरकार एक बार माता-पिता के दिल से सोचे. कोरोना व बाढ़ में केवल शहरी व अमीर ही केंद्रों तक पहुँचने व परीक्षा देने में समर्थ हैं.
ये पैसोंवालों की भाजपा सरकार का ग़रीब-ग्रामीण के ख़िलाफ़ षड्यंत्र है.#ProtestAgainstExamsInCOVID
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 26, 2020
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इस पर सवाल खड़े करते हुए पत्र में लिखा कि स्वेच्छा से बाहर निकलना और बाहर जाने के लिए मजबूर किया जाना दोनों में अंतर है अगर परीक्षा के दौरान किसी अभिभावक किया उनके साथ आए बुजुर्ग को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या सरकार चुप आएगी।
कोरोना की वजह से बस ट्रेन बाधित हैं तो बच्चे दूर दूर से कैसे आएंगे सभी की सामर्थ निजी टैक्सी करने की नहीं है उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा तथा कोरोना, बाढ़ व अर्थव्यवस्था से त्रस्त गरीब, निम्न व मध्यम वर्ग उसको कभी वोट नहीं देगा।
इसलिए व युवाओं और अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। भाजपा को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ युवा क्रांति का जन्म हो रहा है।
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