अपने बच्चों को परीक्षा देने के लिए भेजते हुए हमारा दिल नहीं बैठ जाएगा! सिसोदिया का निशंक को पत्र

JEE And NEET: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने चेताया, गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को परीक्षा केंद्रों पर बुलाना, उन्हें मौत के मुंह में धकेलने के समान साबित हो सकता है

अपने बच्चों को परीक्षा देने के लिए भेजते हुए हमारा दिल नहीं बैठ जाएगा! सिसोदिया का निशंक को पत्र

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

JEE Main And NEET: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण काल में NEET-JEE परीक्षा के आयोजन को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) निशंक को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि परीक्षा स्थगित करें और परीक्षा लेने के लिए नया विकल्प तलाशें. पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि दिल्ली और कुछ राज्यों में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है लेकिन कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण चरम पर है. ऐसे में परीक्षाएं करना 28 लाख बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.

सिसोदिया ने कहा है कि ''दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री समेत देश के गृहमंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक तमाम सावधानियों और प्रोटोकॉल का पालन करने के बावजूद कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में बच्चों को सुरक्षा और प्रोटोकॉल का हवाला देकर परीक्षा के लिए बुलाकर 28 लाख छात्रों के लिए बहुत बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं. गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को परीक्षा केंद्रों पर बुलाना, उन्हें मौत के मुंह में धकेलने के समान साबित हो सकता है.'' 

मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ''आप एक प्रशासक के तौर पर नहीं, एक अभिभावक के तौर पर सोचिए कि 500-600 बच्चों के बीच अगर 5-6 फीसदी बच्चों के संक्रमित होने की संभावना हो तो क्या अपने बच्चों को परीक्षा देने के लिए भेजते हुए हमारा दिल नहीं बैठ जाएगा! अनुरोध है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई जाए और अगर medical-engineering के लिए प्रवेश परीक्षाएं कराना ज़रूरी है तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.'' 

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उन्होंने कहा है कि ''अभूतपूर्व संकट के समय समाधान भी अभूतपूर्व तरीके से निकलेगा. परंपरागत तरीके में समाधान ढूंढने की जिद बच्चों को कोरोना के संक्रमण की चपेट में ला सकती है.''