NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर कोई पुनर्विचार नहीं कर रहा शिक्षा मंत्रालय : सूत्र

NEET और JEE परीक्षाओं में कोरोना वायरस महामारी को लेकर एसओपी का दृढ़ता से पालन किया जाएगा, परीक्षा केंद्रों पर एसओपी लागू करने के लिए प्रशिक्षण जारी

NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर कोई पुनर्विचार नहीं कर रहा शिक्षा मंत्रालय : सूत्र

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा- छात्र-छात्राएं यह परीक्षाएं देना चाहते
  • राज्यों से बाढ़ प्रभावित इलाकों के छात्र-छात्राओं की मदद का अनुरोध
  • परीक्षा में कोरोना वायरस से बचाव के लिए एसओपी का पालन होगा
नई दिल्ली:

JEE Main And NEET: केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा है कि NEET और JEE एक्जाम को लेकर कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है. छात्र-छात्राएं यह परीक्षाएं देना चाहते हैं. इन परीक्षाओं में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को लेकर एसओपी (SOP) का दृढ़ता से पालन किया जाएगा. परीक्षा केंद्रों पर एसओपी लागू करने के लिए प्रशिक्षण जारी है. सूत्रों ने बताया कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे बाढ़ प्रभावित इलाकों के छात्र-छात्राओं की मदद करें.  

उधर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) की परीक्षाओं में और देरी का न केवल अकादमिक कैलेंडर पर बल्कि प्रतिभाशाली छात्रों के करियर पर भी गंभीर असर पड़ेगा. कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दोनों महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की तेज होती मांगों के मद्देनजर राव का बयान आया है. उन्होंने कहा, ‘‘इन परीक्षाओं में और देरी करने से आईआईटी के अकादमिक कैलेंडर और अभ्यर्थियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं. लाखों विद्यार्थियों के लिए यह अकादमिक सत्र बेकार चला जाएगा.''
 
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘‘हम पहले ही छह महीने गंवा चुके हैं. अगर हम सितंबर में परीक्षाएं कराते हैं तो हम कम से कम दिसंबर में तो आईआईटी में सत्र (ऑनलाइन ही सही) शुरू कर सकते हैं. ऐसे समय में परीक्षा के पैटर्न या प्रवेश प्रक्रिया से छेड़छाड़ भी सभी के लिए नुकसानदेह और अनुचित होगी.''

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दूसरी तरफ कांग्रेस संबद्ध छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) ने नीट (NEET 2020) और जेईई (JEE Main 2020) परीक्षाओं को टालने और महामारी के दौरान विद्यार्थियों की छह महीने की फीस माफ करने की मांग को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के अध्यक्ष नीरज कुंदन और इस छात्र संगठन की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष ने आठ अन्य सदस्यों के साथ भूख हड़ताल शुरू की है. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षाएं आयोजित न करने की मांग भी की है.

पिछले सप्ताह एनएसयूआई (NSUI) ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) को टालने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. पत्र में अंतिम साल के विद्यार्थियों को पिछले वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर पास करने की भी मांग की गई थी.