
प्रतीकात्मक तस्वीर
कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण इन दिनों ज्यादातर कारोबार मंदी के शिकार हैं लेकिन इसी लॉकडाउन (Lockdown) में ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) जोरों पर है. लोग घर से बाहर निकलने से परहेज़ करते हैं और इसी के चलते घरेलू सामान मंगाने और बड़ी कंपनियों के फ्रेंचाइजी के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) का रिकार्ड बताता है कि जनवरी के मुकाबले लॉकडाउन में ऑनलाइन फ्राड के मामले तीन गुने बढ़ गए.
लॉकडाउन के चलते घर बैठकर ऑनलाइन रोज़मर्रा का सामान मंगाने वाली फरीदाबाद की सिमरन ऑनलाइन ठगी की शिकार हो गई. ग्रॉफ़र ऑनलाइन कंपनी सर्च करने के दौरान उनको फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का नंबर मिला. बात करने पर एक ठग ने पहले सिमरन के मोबाइल में एनी डेस्क का ऐप डाउनलोड कराया, फिर उनके एकाउंट से दस हज़ार रुपये निकाल लिए. इस बाबत जब हमने ग्रॉफर कंपनी से संपर्क किया तो उन्होंने जवाब देने का आश्वासन दिया.
सिमरन ने बताया कि ''ग्रॉफर से सामान मंगाया था. कुछ कम सामान आया. मैंने गूगल पर देखकर एक कस्टमर केयर के नंबर पर फोन किया. वो नंबर अब भी गूगल सर्च में सबसे पहले आता है. उसी नंबर पर बात करने वाले एक शख्स ने ठगी की.''
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दिल्ली NCR में UPVC के दरवाजे-खिड़कियों का काम करने वाले शैलेश का काम लॉकडाउन में मंदा हो गया है. उन्होंने दूध का कारोबार करने का सोचा. उनसे अमूल कंपनी के नाम पर फ़्रैंचाइज़ी देने के एवज़ में 50 हजार का फ़्रॉड करने की कोशिश हुई. शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि ''साइड में कुछ बिजमेस किया जाए तो अमूल फ्रेंचाइजी का फार्म भर दिया. फिर पार्लर के 25 हजार और डिस्ट्रीब्यूटर के लिए पचास हजार है. फिर उसने कहा कि पचास हजार आप एकाउंट पर भेज दें. फिर मुझे शक हुआ कि इतनी बड़ी कंपनी कैसे इतना फॉलोअप कर रही है.''
अमूल कंपनी को हमने मेल भी किया और कंपनी के एरिया मैनेजर अंकित से हमने बात की. पता चला कि अमूल कंपनी ने ऐसे दस फ़र्ज़ी डोमेन को बंद कराया है. अंकित शुक्ला ने कहा कि ''हमारी कंपनी की साइट खोलते ही सबसे पहले इस तरह के ऑनलाइन फ्राड की चेतावनी आएगी.''
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लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड का संगठित अपराध हाल के दिनों में बढ़ा है. आपदा को अवसर में बदलने वाले ठगों ने ऑनलाइन फ्राड करके लोगों को इस मंदी में पैदल कर दिया और खुद लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे हैं. नोएडा पुलिस ने देश की अलग-अलग जगहों पर 50 करोड़ से ज्यादा का ऑनलाइन फ्रॉड करने वाला गैंग पकड़ा गया है. एक आरोपी के 13 अलग-अलग नाम और पैन कार्ड हैं. लॉकडाउन में ग्रॉसरी स्टोरी खोलने के नाम पर 50 करोड़ से ज्यादा की चपत इसने लोगों को लगाई है.
नोएडा के डीसीपी हरीश चंदरने कहा कि ''लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे लोग आ रहे हैं जो ऑनलाइन खरीददारी करने के दौरान ठगी के शिकार हुए. किसी ने वेबसाइट पर अपने क्रेडेंशियल भर दिए तो किसी ने ओटीपी दे दिया.''
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पुलिस के मुताबिक Screenshare, Anydesk और Teamviewer जैसे ऐप बिल्कुल न डाउनलोड करें क्योंकि उससे आपके मोबाइल का डिटेल तीसरा शख्स भी देख सकता है. साथ ही ओटीपी किसी भी हाल में किसी के साथ शेयर न करें. कंपनी के नाम पर पैसा मांगने में जल्दबाजी करने का मतलब फ्रॉड की संभावना बढ़ जाना.