केरल में युवा जोश से भरी 'कोविड ब्रिगेड' लेगी कोरोनावायरस से टक्कर

केरल (Kerala) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों के बढ़ने के अनुमान के चलते एहतियातन 'कोविड ब्रिगेड' (COVID Brigade) तैयार की जा रही है.

केरल में युवा जोश से भरी 'कोविड ब्रिगेड' लेगी कोरोनावायरस से टक्कर

देश में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था.

खास बातें

  • केरल में सामने आया था कोरोना का पहला केस
  • कोरोना से निपटने को बनाई गई है 'कोविड ब्रिगेड'
  • देश में COVID-19 के मामले 30 लाख के पार
तिरुवनंतपुरम:

केरल (Kerala) में देश का पहला कोरोनावायरस (Coronavirus) केस रिपोर्ट किया गया था. अब माना जा रहा है कि अगले महीने केरल में एक बार फिर कोरोना मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. अधिकारियों की मानें तो राज्य में एक दिन में 10 हजार मामले तक सामने आ सकते हैं. एहतियातन 'कोविड ब्रिगेड' (COVID Brigade) तैयार की जा रही है. इस ब्रिगेड में एक्सपर्ट्स शामिल होंगे और डॉक्टर एशले फ्रैंकलिन भी इसके पहले बैच का हिस्सा हैं. एशले दो साल के बच्चे की मां हैं. घर से करीब 560 किलोमीटर दूर रहकर कोरोना मरीजों की सेवा करने का उनका संकल्प सराहनीय है.

NDTV से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जब मुझे पता चला कि मुझे कसारागोड़ भेजा जाएगा तो मैं नहीं जाना चाहती थी लेकिन मेरे परिवार, माता-पिता और अधिकारियों ने मुझे प्रोत्साहित किया. जिसके बाद मैंने यह सोचकर 'कोविड ब्रिगेड' जॉइन की ताकि मेरा बच्चा सुरक्षित घूम सके.' डॉक्टर एशले 26 सदस्यीय उस टीम का हिस्सा है, जिसे कसारागोड़ स्थित कोविड फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट सेंटर्स (CFLTC) भेजा जाएगा.

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पेशे से लैब टेक्निशियन अल-अखीम भी इस टीम का हिस्सा हैं. वह टीम में उम्र में सबसे छोटे हैं. वह कहते हैं, 'इस टीम का हिस्सा होने पर हमें बहुत गर्व महसूस हो रहा है. हमारे परिवार हमारे साथ हैं. ये हमारे देश के लिए है.' तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में टीम की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल भी हो चुकी है. 10 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों ने 'कोविड ब्रिगेड' का हिस्सा बनने के लिए हामी भरी है. इस टास्क फोर्स में डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन, सामाजिक कार्यकर्ता और बिजनेस मैनेजमेंट से जुड़े लोग शामिल हैं.

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राज्य सरकार टीम के सदस्यों को 25 हजार से 60 हजार रुपये तक सैलरी देगी. डिप्टी मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर एसएस संतोष टीम के सदस्यों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद डॉक्टर संतोष को वहां भेजा गया था. वह कहते हैं कि तिरुवनंतपुरम में काफी ज्यादा कोरोना केस हैं. उन्होंने कहा कि टीम के युवा सदस्यों को आगे रखा जाएगा. उन्होंने NDTV से कहा, 'मानव संसाधनों की कमी से महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य जगहों पर कोरोना से मौत के मामले बढ़े थे. अब हमारी कोशिश है कि हम इन आंकड़ों पर लगाम लगा सके.'

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राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के सलाहकार डॉक्टर मोहम्मद अशील ने कहा, 'हमने अपनी बिस्तरों की क्षमता को लगभग 80,000 तक बढ़ा दिया है. अब हमें लोगों की जरुरत है, इसलिए कोविड ब्रिगेड के साथ-साथ हम केवल ICU में तैनाती के लिए 500 ICU कैजुएलिटी मेडिकल अफसरों को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं.'

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