छोटे कारोबारियों को लाभ: लिया 1 लाख करोड़ का लोन, कोरोना काल में उठाया फायदा

वित्त मंत्रालय ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों, निजी क्षेत्रों के 24 बैंकों और 31 गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कर्ज वितरित किये।

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नई दिल्ली: पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहा है। देश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में देश की आर्थिक स्थिति पर भी काफी कुछ प्रभाव पड़ा है। कोविड-19 की वजह से छोटे व्यापारियों को ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा है। वैसे तो हर किसी को इस महामारी ने प्रभावित किया है। लेकिन ये सच है कि सरकार की ओर से महामारी के चलते उत्पन्न हुईं विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए लगातार लोगों की मदद की गई।

और कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दिया गया। इस बीच वित्त मंत्रालय ने बताया है कि बैंकों ने कोविड-19 के कारण आर्थिक नरमी से प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिये 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज का वितरित किया है।

ईसीएलजीएस के तहत दिया गया 1 लाख करोड़ का ऋण

ECLGS Loan
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वित्त मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 18 अगस्त, 2020 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के ऋण स्वीकृत किए हैं। इनमें से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘ईसीएलजीएस’ की घोषणा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के हिस्से के रूप में की थी।

Finance Minister Nirmala Sitaraman
Finance Minister Nirmala Sitaraman

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इस योजना का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई को ऋण प्रदान करके ‘कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से उत्पन्न संकट को कम करना है। वित्त मंत्रालय ने आगे बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों, निजी क्षेत्रों के 24 बैंकों और 31 गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने कर्ज वितरित किये। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत 1,50,759.45 करोड़ रुपये के रिण स्वीकृत किये गये हें जिसमें 1,02,245.77 करोड़ रुपये 18 अगस्त तक वितरित किये जा चुके हैं।

ये हैं शीर्ष ऋणदाता बैंक

SBI
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मंत्रालय की ओर से विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस कुल ऋण में से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 76,044.44 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए हैं। जिनमें से 56,483.41 करोड़ रुपये के ऋण वितरित भी किए जा चुके हैं। वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों के द्वारा 74,715.02 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से 45,762.36 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। मंत्रालय की ओर से ये भी बताया गया कि इस योजना के तहत सबसे अधिक ऋणदाता बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।

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वहीं सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले उद्यमों में महाराष्ट्र के उद्यम सबसे आगे है। महाराष्ट्र के उद्यमों को 7,756 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये गये। जिसमें से 18 अगस्त तक 6,007 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं। इसके बाद तमिलनाडु का नंबर रहा। यहां 7,740 करोड़ के कर्ज मंजूर किये गये और 5,693 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं। इस योजना के तहत एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों को 9.25 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर गारंटी मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई को इस योजना को मंजूरी दी थी।