
प्रतीकात्मक तस्वीर
देश की सबसे अमीर महानगरपालिका बीएमसी के कमिश्नर इकबाल चहल के बंगले के नवीकरण के लिए 40 लाख रुपये खर्च किया जाना है, जिसका टेंडर निकाला गया है. लेकिन अब विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसका विरपढ कर रही है और कह रही है कि आखिर इतना खर्च करने की क्या ज़रूरत है.
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बीएमसी के इस टेंडर में बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल के बंगले के नवीकरण के लिए 40 लाख रुपये खर्च करने की बात सामने आई है. कोरोना के वजह से सरकारी तिजोरी पर वैसे ही दबाव है ऐसे में एक बंगले को चमकाने के लिए लाखों रुपये उड़ा देने के खिलाफ बीजेपी अब प्रशासन को घेर रही है.
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के कई मंत्रियों ने सरकारी तिजोरी ख़ाली होने की दुहाई दी है. ऐसे में एक बंगले पर लंबे चौड़े खर्च पर सवाल ज़रूर उठेंगे. आलोचना होने के बाद बीएमसी ने सफ़ाई पेश की. उसने कहा कि कमिश्नर के बंगले को 1920 में बनाया गया. बंगला 100 साल पुराना है. बंगले के नवीकरण का टेंडर 2019 में निकाला गया, तब इकबाल चहल बीएमसी कमिश्नर नहीं थे. बंगले के पुरातन मूल्य को बचाए रखने के लिए नवीकरण करना ज़रूरी है.
इस बीच विवादों के बीच फंसे बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल की तरफ़ से ने बंगले का मौजूदा हाल दिखाते हुए वीडियो शेयर किया गया है और कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर लोग आकर इसकी हालात देख सकते हैं. पर सवाल अपनी जगह है कि जब मंत्रीगण कह रहे हैं कि उनके पास वेतन देने के पैसे नहीं है तो आखिर इस बंगले पर ख़र्च करने के पैसे कहां से आए. साथ ही प्रशासन की प्राथमिकता क्या है.