
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान (फाइल फोटो).
बिहार (Bihar) की राजनीति में गठबंधन के दलों में उठापटक आम बात है, लेकिन सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो दलों लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच सम्बंधों में दिनोंदिन तल्ख़ी बढ़ती जा रही है. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने शनिवार को अपने पार्टी के नेताओं के साथ पटना में बैठक की. इस बैठक के बाद चिराग ने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी लेकिन उनके नज़दीकी लोगों के अनुसार उन्होंने कोरोना से सम्बंधित राज्य सरकार की नाकामियों को उजागर करते रहने के लिए कहा और साथ ही जनता दल यूनाइटेड के किसी भी नेता द्वारा अगर चिराग पासवान या रामविलास पासवान के खिलाफ़ कोई प्रतिक्रिया दी जाती है तो उसका भी जवाब देने के लिए निर्देश दिया गया.
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शनिवार को इस बैठक में शामिल पार्टी नेताओं से कहा गया कि जल्द संसदीय दल की बैठक होगी जिसमें आगे का फैसला लिया जाएगा. वहीं जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि चिराग के साथ तालमेल होगा या नहीं या कितनी सीटों पर लड़ेंगे, ये सारा फ़ैसला भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को करना है जिसके साथ चिराग पासवान संपर्क में हैं. जहां तक जनता दल यूनाइटेड का संबंध है तो वो भारतीय जनता पार्टी के साथ है और निश्चित समय पर दोनों दलों के बीच सीटों के तालमेल की घोषणा हो जाएगी.
वहीं चिराग पासवान ने साफ़ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में NDA के घटक दल के रूप में 42 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने का कोई सवाल नहीं है. क्योंकि यह फ़ॉर्मूला BJP के साथ 2014 में ही तय हो गया था कि लोजपा लोकसभा चुनाव में सात सीटों पर और विधानसभा में 42 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और हर चुनाव के समय इस पर फिर से विचार नहीं किया जा सकता है.
इस बीच चिराग पासवान के नजदीकी लोगों का कहना है कि अगर उन्हें मन मुताबिक सीटें नहीं मिलीं तो उनके पास प्लान B भी तैयार है जिसके अंतर्गत लोजपा चुनाव में छोटे दलों के साथ जा सकती है. जहां एक ओर वह चुनाव में BJP के उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ कोई उम्मीदवार नहीं देगी वहीं जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ हर सीट पर कैंडिडेट दिया जाएगा. लोजपा को लग रहा है कि नीतीश कुमार जानबूझकर रामविलास पासवान और चिराग पासवान को चिढ़ाने के लिए जीतन राम मांझी को फिर से NDA में शामिल कराना चाहते हैं.
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ऐसे में यह पूरा मामला अब राजनीतिक वर्चस्व का हो गया है और लोजपा के पास गैंगवार चुनाव में खोने के लिए कुछ भी नहीं है वहीं नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के समर्थक नेताओं का कहना है कि लोजपा जिस प्रकार से गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद राज्य सरकार के ख़िलाफ़ आक्रामक रहती है वैसे में कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. जहां तक चुनाव आमने सामने लड़ने का सवाल है तो 2010 के चुनाव में राम विलास पासवान नीतीश कुमार के सामने लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट मांगकर अपना हश्र देख चुके हैं और चिराग पासवान को भी इस बार अपनी राजनीतिक औकात समझ में आ जाएगी.