
Independence Day 2020 Speech: PM मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 7वीं बार देश को संबोधित किया
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं.
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.
आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा. एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे.आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं. आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी Creativity हमारी Skills को बढ़ाना भी है.
पीएम मोदी ने कहा सिर्फ कुछ महीनो पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है. उन्होंने कहा कि कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन- वन टैक्स Insolvency और Bankruptcy Code बैंकों का Merger, आज देश की सच्चाई है. FDI में अब तक के सारे रिकॉर्ड टूटे, हाल ही के समय में FDI में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
पीएम मोदी ने कहा अब Infrastructure में Silos को खत्म करने का युग आ गया है. इसके लिए पूरे देश को Multi-Modal Connectivity Infrastructure से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां कहा गया है, सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां कहा गया है, सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है. लोगों की श्रम शक्ति पर भरोसा करते हुए, गांवों को श्रमिकों को बढ़ाने के लिए हम वोकल फॉर लोकल की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
किसानों और ग्रामीण उद्योगों को सशक्त करने की बात कहते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के लिए किसान उत्पादक संघ बनाने की कोशिश की है वो अपने आप में इकोनॉमिक बूस्टर का काम करेगा.
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन का ऐलान किया था. आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है.
भारत की महिलाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं. देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं. कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं.