
प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर जिले में जन स्वास्थ्य की दृष्टि से एन-95 वाल्व मास्क (Particular With Valved Respirator) एवं अन्य किसी भी वाल्व युक्त मास्क का उपयोग आमजन के लिये तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है. ऐसे मास्क पहनने वाले पर 100 रुपया जुर्माना लिया जाएगा. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने इस संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि यह प्रतिबंध स्वास्थ्य कर्मियों को छोड़कर लागू रहेगा.
इस आदेश का उल्लंघन करने पर (अर्थात एन-95 वाल्व मास्क एवं अन्य किसी भी वाल्व युक्त मास्क पहनने पर) सौ रुपये प्रति व्यक्ति का स्पॉट फाइन लगेगा. इंदौर शहर में नगर निगम के अधिकृत अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा नामांकित अधिकारी स्पॉट फाइन कर सकेंगे. आदेश का उल्लघंन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा. शेष आदेश एवं उसमें समय-समय पर दी गई छूट/प्रतिबंध पूर्ववत लागू रहेंगे.
बता दें कि पिछले महीने केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर लोगों के छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन-95 मास्क पहनने के खिलाफ चेतावनी जारी कर कहा था कि इससे वायरस का प्रसार नहीं रुकता और यह कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के ‘‘विपरीत'' है.
स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने राज्यों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मामलों के प्रधान सचिवों को पत्र लिखकर कहा था कि सामने आया है कि प्राधिकृत स्वास्थ्य कर्मियों की जगह लोग एन-95 मास्क का ‘‘अनुचित इस्तेमाल'' कर रहे हैं, खासकर उनका जिनमें छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा है. आपके संज्ञान में लाया जाता है कि छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा एन-95 मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए कदमों के विपरीत है क्योंकि यह वायरस को मास्क के बाहर आने से नहीं रोकता.