
पुलिस ने मंत्रालय के अफसर इसरार को गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक गन हाउस के मालिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बने हथियार फ़र्ज़ी लाइसेंस बनाकर बेचते थे. पकड़े गए आरोपियों में एक श्रम और रोजगार मंत्रालय में काम करता है. क्राइम ब्रांच की साइबर सेल के डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक उनकी टीम को सूचना मिली कि एक शख्स इंडिया गेट के पास अवैध हथियारों की सप्लाई करने के लिए आने वाला है. इसके बाद जाल बिछाकर तिलक मार्ग से इसरार खान नाम के शख्स को पकड़ा गया. 31 साल का इसरार यूपी के बागपत का रहने वाला है. उसके पास से कोलकाता की ऑर्डिनेंस फैक्टरी से बनी एक पिस्टल और 5 कारतूस लगी एक मैगज़ीन बरामद हुई. आरोपी से पूछताछ में पता चला कि वह श्रम और रोजगार मंत्रालय में जूनियर स्टैटिस्टिकल ऑफिसर के तौर पर काम करता है.
आरोपी ने बताया कि वो बागपत से अवैध हथियार लाकर दिल्ली में अपराधियों को सप्लाई करता है. ये हथियार वो बागपत के एक बड़े अपराधी दीपक से लाया है. जबकि दीपक के हथियार हरियाणा के करनाल के एक गन हाउस से लाता है. इसके बाद पुलिस ने दीपक के ठिकाने पर छापेमारी की, जहां से 15 कारतूस और एक मैगज़ीन बरामद हुई. हालांकि दीपक नहीं मिला. दीपक के खिलाफ 15 आपराधिक केस दर्ज हैं.
इसरार से पूछताछ के बाद करनाल में गन हाउस का मालिक पारस चोपड़ा भी गिरफ्तार कर लिया गया. पारस ने बताया कि वो फ़र्ज़ी लाइसेंस पर यूपी के अपराधियों को अपने गन हाउस से ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बने हथियार बेचता है. जांच में पता चला कि ये गैंग यूपी और हरियाणा के गन हाउसों से फ़र्ज़ी लाइसेंस के जरिए हथियार और कारतूस लेते थे. गन हाउस मालिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करते थे और फिर यही हथियार दिल्ली में अपराधियों को बेच देते थे.