
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा बाहर से भर्ती हो रहे मरीजों की वजह से नहीं घर रही बेड ऑक्यूपेंसी.
दिल्ली में 8 अगस्त को 1,404 पॉजिटिव केस थे. इनको मिलाकर 1,44,127 कुल केस हो गए हैं. इनमें से 1130 लोग कल ठीक हुए हैं. फिलहाल कुल एक्टिव केस 10667 हैं. दिल्ली में 8 अगस्त को कोविड-19 (COVID-19) से 16 डेथ हुई थीं और अभी तक कुल 4098 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, इसके बाद भी दिल्ली में बेड ऑक्यूपेंसी पिछले 12 दिनों से एक जैसी बनी हुई है.
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इस डाटा को शनिवार को चेक किया गया, तो पता चला कि 8 अगस्त को 97 पेशेंट भर्ती हुए और वो सब दिल्ली के नहीं हैं. दिल्ली के कुल 244 पेशेंट्स भर्ती हैं. इसका मतलब है कि दिल्ली में 30 से 35 फीसदी मरीज बाहर के भर्ती हो रहे हैं. इस बारे में बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, कई लोग मुझसे पूछते हैं कि अस्पताल में भर्तियां कम नहीं हो रही हैं. इसका कारण ये है कि दिल्ली में बाहर से भी बहुत से मरीज आ रहे हैं.
शनिवार को यह खबर भी चली कि दिल्ली में फिर से 1400 केस हो गए हैं. सत्येंद्र जैन ने कहा कि, काफी बड़ी संख्या में लोग गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद जैसी जगहों से आकर दिल्ली में टेस्ट करा रहे हैं. तो उनके टेस्ट कराने की वजह से संख्या बढ़ जाती है. जब हमारे लोग चेक करने के लिए घर पर जाते हैं, तो बड़ी संख्या में लोग मिलते नहीं हैं. पता चलता है कि वो दिल्ली से बाहर रहते हैं. दिल्ली का ट्रेंड कम हो रहा है. हॉस्पिटल में भर्तियां इसलिए कम नहीं हो रही, क्योंकि बाहर के पेशेंट बड़ी संख्या में पॉजिटिव आ रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''दिल्ली में तो कोविड-19 के मामले कम ही हो रहे हैं. बाहर से पेशेंट बीमार होकर आया है, वह इलाज करा रहा है. बेड अगर आप देखें, तो 3058 हैं. 10 दिन पहले भी 3000 ही थे. उससे पहले हर दिन लगभग 100 बेड कम हो रहे थे. लेकिन इसमें कमी आई, कल इसलिए बढ़ोतरी हुई, क्योंकि 97 पेशेंट बाहर के थे.''
कम आरटीपीसीआर और ज्यादा एंटीजन पर टेस्ट के बारे में बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ''हॉस्पिटल्स में बेड खाली पड़े हैं. जो बीमार हैं, उन्हें टेस्ट से मना नहीं कर रहे हैं. आईसीएमआर की गाइडलाइन है कि आरटीपीसीआर टेस्ट उसी का हो सकता है, जिनमें लक्षण हों. लेकिन दिल्ली में कोई भी चाहे तो टेस्ट करा सकता है. फ्लू क्लीनिक में बड़े स्तर पर टेस्ट हो रहा है. वहां 100 टेस्ट में से अगर पांच पॉजिटिव आए, लेकिन दो लक्षण होने के बावजूद पॉजिटिव नहीं आए, तो उनका आरटीपीसीआर करते हैं, बाकी लोग आरटीपीसीआर के दायरे में नहीं आते हैं.''
वहीं प्रधानमंत्री के गार्बेज फ्री इंडिया कैंपेन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ''बिल्कुल गंदगी साफ होनी चाहिए, अच्छा कैंपेन है. दिल्ली में तो कूड़े के पहाड़ हैं. उसे भी इसी का पार्ट बनाकर इस गंदगी को एमसीडी को साफ करना चाहिए. एमसीडी की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. एमसीडी कम से कम एक काम तो करे, सफाई तो करे.''
रक्षा मंत्रालय द्वारा 101 उपकरणों के आयात पर रोक पर बात करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा, ''यह अच्छी बात है. अपने देश में उत्पादन हो, हमारे देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गए हैं. हमारा देश अभी भी छोटी-छोटी चीजों में फंसा रह जाता है. इस पर तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है, इससे देश जल्दी तरक्की करेगा''.