
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब साढ़े चार महीने के बाद बिहार विधानसभा के अंदर राज्य में कोरोना की समस्या पर सोमवार को बोले. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि राज्य में इस बीमारी से जैसे-जैसे मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसी परिस्थिति में भी वर्तमान विधानसभा की जब तक अवधि है तब तक के लिए सर्वदलीय समिति बना दी जाए.
नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार विधानसभा में कोरोना पर विशेष बहस में भाग लेते हुए कहा कि वर्तमान में जो स्थिति है उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. हालांकि अनुमान था कि मामले बढ़ेंगे लेकिन जुलाई महीने में जिस प्रकार से मामले बढ़े हैं वो चिंता का विषय है. और वो चाहते हैं कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष एक सर्वदलीय समिति का गठन कर दें, जिसके साथ हर 15 दिन में राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फीडबैक और इस बीमारी के सभी पहलुओं पर चर्चा नियमित रूप से करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग बढ़ी हैं इसलिए पॉज़िटिव मामले भी अधिक सामने आ रहे हैं.
नीतीश कुमार ने माना कि भले ही इस बार चुनाव का साल है, लेकिन क्या होगा इसके बारे में उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग जाने. नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव जब होना होगा तब होगा. राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में नीतीश कुमार के अनुसार चुनाव सभी का दायित्व है. वे बिहार वासियों की रक्षा करें और उससे संबंधित क़दम उठाए जाएं. उन्होंने माना कि इस बीमारी का किसी जाति, धर्म या बिरादरी से कोई लेना देना नहीं है.
मुख्यमंत्री के रूप से साफ़ दिखा कि वे अब कोरोना के मामले में सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं और उन्हें इस बात का भ्रम नहीं है कि आने वाले दिनों में स्थिति जो वर्तमान में है वो और बिगड़ सकती है, क्योंकि उन्होंने बार-बार कहा कि जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ेगी पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या भी बढ़ेगी.