हनुमान गढ़ी पर कब्जा करने की हुई थी कोशिश, सुरक्षा के लिए मुस्लिम राजा ने भेजी थी फौज

अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्म भूमि के बाद जो दूसरा सबसे प्रमुख स्थान है वो हनुमान गढ़ी है. ये एक बड़ा किला है, जिसमें सबसे ऊपर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है.

हनुमान गढ़ी पर कब्जा करने की हुई थी कोशिश, सुरक्षा के लिए मुस्लिम राजा ने भेजी थी फौज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे हनुमान गढ़ी

नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्म भूमि के बाद जो दूसरा सबसे प्रमुख स्थान है वो हनुमान गढ़ी (Hanuman Garhi) है. ये एक बड़ा किला है, जिसमें सबसे ऊपर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है. जो भी श्रद्धालु आते हैं पहले वो हनुमान जी के दर्शन करते हैं फिर भगवान राम के दर्शन करने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी 5 अगस्त को पहले हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन करेंगे, उसके बाद रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे.

यह एक ऐसी जगह है जिसके साथ सांप्रदायिक सौहार्द्र की बहुत बड़ी भावना जुड़ी हुई है कि 1774 में नवाब शुजाउद्दौला ने जागीर देकर इसका पुनरुद्धार कराया था. कहा जाता है कि कुछ जिहादी किस्म के मुसलमान 1856 में इस पर कब्जा करना चाहते थे. उस वक्त वाजिद अली शाह की हुकूमत थी, एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ. 

अमृत लाल नागर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन लोगों ने समझौते को तोड़ दिया और मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश की. उस समय वाजिद अली शाह ने मंदिर की सुरक्षा के लिए अपनी फौजें भेजी थीं. कब्जा करने की कोशिश करने वाले 300-400 मुस्लिम मारे गए थे. हनुमान गढ़ी एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें हनुमान जी राजा के रूप में स्थापित हैं. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

हनुमान गढ़ी के साधु मधुबन दास ने मंदिर के धार्मिक महत्व के बारे में बताया कि ये गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारे की मिसाल है. हनुमान जी महाराज के इस सिंहासन की रक्षा मुगल शासन और अंग्रेज शासन में भी किया गया. उन्होंने कहा कि माता जानकी हनुमान जी को अपना पुत्र स्वीकार कर चुकी थीं और अपने पुत्र लव और कुश को राज्य न देकर उन्होंने ज्येष्ठ पुत्र को राज्य दिया. भगवान राम गुप्तार घाट के गुप्त होने से पहले हनुमान जी महाराज को राजा बना गए.  

वीडियो: अयोध्या : जानिए हनुमान गढ़ी का धार्मिक महत्व