
रुक्मिणी चौहान 21 जुलाई को कोरोना से संक्रमित पाई गई थीं (प्रतीकात्मक फोटो)
खास बातें
- रुक्मिणी 21 जुलाई को संक्रमित पाई गई थीं
- अंडाशय के कैंसर से भी वे जूझ रही हैं
- होम क्वारंटाइन कर किया गया इलाज
COVID-19 Pandemic: मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में (Madhya Pradesh's Khargone District) अंडाशय के कैंसर से जूझ रही 103 वर्षीय महिला ने अपने घर में 14 दिन चले इलाज के बाद कोविड-19 (COVID-19) को सोमवार को मात दे दी. इसके साथ ही, वह इस महामारी से उबरने वाले देश के सबसे उम्रदराज मरीजों के समूह में शामिल हो गई हैं. विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) अनुज कारखुर ने बताया, "बड़वाह कस्बे में रहने वाली उम्रदराज महिला रुक्मिणी चौहान जांच में 21 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं. हालांकि, उनमें इस महामारी के लक्षण नहीं थे.लिहाजा हमने उन्हें उनके घर पर आइसोलेट करके इलाज का फैसला किया."
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उन्होंने बताया, "रुक्मिणी के परिवार के लोगों के मुताबिक उनकी उम्र 103 साल है. वह अंडाशय के कैंसर से जूझ रही हैं और पिछले पांच साल से रोग शैया पर हैं. इसलिये उनकी स्थिति पर विशेष रूप से नजर रखी गई." बीएमओ ने बताया कि वृद्धा को कोविड-19 की दवाएं और आयुर्वेदिक काढ़ा देने के साथ उनके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर, तापमान व अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों की नियमित अंतराल में जांच की जाती रही. कारखुर ने बताया, "तय प्रोटोकॉल के तहत सेहत की जांच के बाद हमने रुक्मिणी को सोमवार को कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त घोषित कर दिया. फिलहाल उन्हें इस महामारी से जुड़ी कोई स्वास्थ्यगत समस्या नहीं है."
उन्होंने बताया कि बड़वाह के नजदीक के एक शराब कारखाने में काम करने वाला वृद्धा का पोता पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. ऐसे में पूरी संभावना है कि वह अपने पोते के संपर्क में आने से इस महामारी की मरीज बनीं. गौरतलब है कि इंदौर की 95 साल की महिला भी मई में कोविड-19 को मात दे चुकी हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)