
आंध्र प्रदेश में जुलाई के महीने में कोरोनावायरस के 1,26,337 मामले सामने आए हैं इसके साथ ही जुलाई महीने में राज्य में संक्रमितों की संख्या में 865 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जो कि देश में किसी भी राज्य में सबसे अधिक है. 30 जून को 14,596 मामलों से जुलाई अंत तक यह आंकड़ा 1.26 लाख तक बढ़ गया. पूर्वी गोदावरी जिला जो राज्य में सबसे अधिक आबादी वाला जिला है वहां इन आकंड़ों में 1,800 प्रतिशत की छलांग देखने को मिली. पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो जुलाई में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 11.9 प्रतिशत थी. अकेले शुक्रवार को राज्य ने 10,376 मामले सामने आए जिससे राज्य में कुल कोरोना के मामले 1,40,933 हो गए. पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना से 68 लोगों की मौत हुई है, इसके साथ राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1,349 पहुंच गई है.
जबकि राज्य में रिकवरी रेट 45.3 प्रतिशत है, राज्य में ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 7.22 प्रतिशत रही. आंध्र प्रदेश अब दिल्ली से आगे निकलकर देश का तीसरा सबसे खराब कोरोनोवायरस राज्य बन गया है. आंध्र ने पिछले तीन दिनों में 30,636 से अधिक मामलों को अपने टैली में जोड़ा है, जिससे घातक वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,40,933 पहुंच गई है, जिसमें 1,349 लोगों की मौत हो चुकी है.
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मौत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जोकि कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों की लिस्ट में कई हफ्तों तक महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर रही. दिल्ली में 1,195 मामले सामने आए इसकी कुल संख्या 1,35,598 थी.
बुलेटिन में बताया गया है कि एक दिन में 3,822 मरीज ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई. कुल मिलाकर, 63,864 के ठीक होने के बाद राज्य में अब 75,720 सक्रिय मामले हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश ने 36,550 प्रति मिलियन जनसंख्या की दर से अब तक 19,51,776 परीक्षण पूरे किए. उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) एकेके श्रीनिवास ने हाल ही में कहा था कि राज्य में गंभीर रूप से फैलने का प्रमुख कारण टेस्ट की संख्या में हुई बढ़ोतरी है.