
P Chidambaram
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरूपयोग और देश के प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। इसके साथ ही उन्होंने महबूबा की फौरन रिहाई की भी मांग की।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरूपयोग और प्रत्येक नागरिक को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। चिदंबरम ने अपने एक के बाद एक गए ट्वीट में कहा कि 61 वर्षीय एक पूर्व मुख्यमंत्री चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड की पहरेदारी में रहने वाली शख्स, जन सुरक्षा के लिये खतरा कैसे हैं?
पी चिदंबरम ने कहा कि पीडीपी नेता (महबूबा) ने सशर्त रिहा किये जाने की पेशकश ठुकरा कर सही की, क्योंकि कोई भी आत्मसम्मान रखने वाला नेता यही करता। उन्होंने कहा कि उनकी हिरासत के लिये दिया गया एक कारण- उनकी पार्टी के झंडे का रंग- हास्यास्पद है।
PSA के तहत सुश्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का विस्तार कानून का दुरुपयोग है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है।
61 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री, चौबीसो घंटे सुरक्षा गार्ड से संरक्षित व्यक्ति, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 1, 2020
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कांग्रेस नेता ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के खिलाफ क्यों नहीं बोल सकती? क्या यह अभिव्यक्ति की स्वत्रंतता का हिस्सा नहीं है? उन्होंने कहा कि मैं अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने को चुनौती देने के मामले में उच्चतम न्यायालय में पेश होने वाले वकीलों में एक हूं। अगर मैं अनुच्छेद 370 के खिलाफ बोलता हूं–जैसा कि मैं अवश्य बोलूंगा–तो क्या जन सुरक्षा को कोई खतरा है।
हमें सामूहिक रूप से अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और "मेहबूबा मुफ़्ती को रिहा करें" की माँग करनी चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 1, 2020
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चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला बोले हुए कहा कि हमें अवश्य ही सामूहिक रूप से अपनी आवाज उठानी चाहिए और महबूबा मुफ्ती को फौरन रिहा करने की मांग करनी चाहिए। बता दें कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत निरुद्ध पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत शुक्रवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी।
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गृह विभाग के आदेशानुसार मुफ्ती गुपकर रोड पर अपने आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में अगले तीन महीने और हिरासत में ही रहेंगी। इस बंगले को उप जेल घोषित किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदा हिरासत की अवधि इस साल पांच अगस्त को खत्म हो रही थी।
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