संविधान की मूल प्रति में चित्रों पर असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों कहा- संघ इस विविधता को खारिज करता है?

AIMIM पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पीएम मोदी के भूमि पूजन का हिस्सा बनने पर इसे प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन बताया है.

संविधान की मूल प्रति में चित्रों पर असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों कहा- संघ इस विविधता को खारिज करता है?

असदुद्दीन ओवैसी AIMIM पार्टी के प्रमुख हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • AIMIM पार्टी के प्रमुख हैं असदुद्दीन ओवैसी
  • 5 अगस्त को होगा राम मंदिर का भूमि पूजन
  • 5 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी जाएंगे अयोध्या
नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya) में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) के भूमि पूजन की तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मंदिर के भूमि पूजन समारोह में शिरकत करेंगे. AIMIM पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पीएम मोदी के भूमि पूजन का हिस्सा बनने पर इसे प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन बताया है. असदुद्दीन ओवैसी ने अब संविधान की प्रति में चित्रों को लेकर ट्वीट किया, 'उसी प्रति में टीपू सुल्तान, गांधी जी, अकबर, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह और अन्य के चित्र भी हैं. यह हमारे संस्थापकों का बहुवाद है. संघ इस विविधता को खारिज करता है. जब सरकार का संवैधानिक प्रमुख इस विचारधारा को अपनाता है तो यह धर्मनिरपेक्षता का घोर उल्लंघन है.'

दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने NDTV के वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा के जिस ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा था, वह था, 'अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का भूमि पूजन करना संविधान की शपथ का उल्लंघन होगा', ये कहना है असदुद्दीन ओवैसी का. इसी संविधान की मूल पांडुलिपि में नंदलाल बोस का बनाया श्रीराम का यह चित्र मौजूद है, जिसमें लंका विजय के बाद वे लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या वापस आ रहे हैं.'

इससे पहले AIMIM सांसद ने पीएम मोदी के राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पर ट्वीट किया था, 'आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है.' साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी लिखा, 'हम भूल नहीं सकते कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी रही थी और उसे 1992 में अपराधी भीड़ ने ढहा दिया था.'

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बता दें कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के पहले भूमि पूजन किया जाएगा. मंदिर की जिम्मेदारी देख रहे राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का कहना है कि निर्माण कार्य शुरू हो, इसके लिए योजना बनाई गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन वाले दिन अयोध्या आकर नींव की ईंट रखेंगे. वहीं इस समारोह में बस वीवीआईपी मेहमानों के शामिल होने की खबर है.

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सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. इसके अलावा राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहीं उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से आलोक कुमार और मिलिंद परांदे कार्यक्रम में रहेंगे. संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत व अन्य वरिष्ठ नेता भी वहां मौजूद रहेंगे. गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी न्योता दिया जाएगा.

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