
Rajasthan की सियासी जंग में SC में कौन मारेगा बाजी?
क्या हैं संभावनाएं
राजस्थान के राजनीतिक मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच यह सुनवाई करेगी. .
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह बड़े कानूनी मुद्दे पर विचार करेगा कि क्या उच्च न्यायालय अध्यक्ष की शक्तियों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है. क्या पार्टी के भीतर रहकर असहमति की आवाज उठाने वाले को अयोग्य करार देकर उसकी आवाज को दबाया जा सकता है ? पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर असहमति की आवाज को अयोग्यता से दबाया तो लोकतंत्र कैसे बचेगा.
कांग्रेस के पास विकल्प है कि वो सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले सकती है क्योंकि फिलहाल कानूनी लड़ाई से ज्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के पास विकल्प है कि वो केंद्र को कानून के बड़े सवालों का जवाब देने के लिए कहे.
ये भी हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट कहे कि चूंकि हाईकोर्ट ने इस मामले में कानून के 13 सवाल तय किए हैं और केंद्र से जवाब मांगा है तो पहले हाईकोर्ट को ही सुनवाई करने दी जाए.
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर कांग्रेस (Congress) बंटी हुई है. कांग्रेस का एक वर्ग चाहता है कि याचिका को कोर्ट से वापस लेकर इसका राजनीतिक तरीके से हल किया जाना चाहिए. वहीं, पार्टी का दूसरा वर्ग इसका हल कोर्ट में ही चाहता है.
BSP के एक नए कदम से सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने पिछले साल कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले 6 विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया है. बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में इसका खुलासा किया है.
सतीश चंद्र मिश्र ने कहा है कि, ‘‘सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और (संविधान की) दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.' मिश्रा ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं, तो वे विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे.
कांग्रेस (Congress) द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी' के तहत गहलोत ने देश के मौजूदा हालात पर चिंता जताई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और उनकी पार्टी (BJP) को सोचना पड़ेगा कि चुनी हुई सरकारों को गिराने का इरादा छोड़ें, तब जाकर लोकतंत्र मजबूत होगा. नहीं तो आने वाला इतिहास किसी को माफ नहीं करेगा. गहलोत ने कहा कि जो 'गलती करेगा उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.'
कांग्रेस की स्पीक फॉर डेमोक्रेसी मुहिम के तहत रविवार को कांग्रेस के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए राजस्थान की लड़ाई में भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है.