
लखनऊ: पूरा देश जिस राफेल का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, आख़िरकार वह भारत आने वाला है। फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से 5 राफेल फाइटर विमानों ने आज भारत के लिए उड़ान भरी है। रॉफेल जेट के पहली स्क्वाड्रन को अंबाला एयर बेस पर तैनात किया जाएगा। बता दें कि 29 जुलाई यानी दो दिन बार दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमान राफेल भारत के अंबाला एयरफोर्स पर पहुंच जाएंगे।
राफेल को भारत ला रहे ये शूरवीर
भारत के ही फाइटर पायलट लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाकर देश लेकर आएंगे। 36 विमानों में से 5 राफेल भारत के लिए उड़ेंगे। राफेल को लाने वाले इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की तस्वीर जारी हुई है। भारतीय पायलटों की टीम, जिन्हे राफेल को भारत लाने की जिम्मेदारी मिली हैं, उसका नेतृत्व कर रहे हैं , ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ।
ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित
ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह नयी 17 वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं। बता दें क़ि ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह पहले मिग -21 के पायलट थे, उन्हें एयरक्राफ्ट और खुद की जान बचाने के लिए साल 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
ये भी पढ़ेंः 1996 में आख़िरी लड़ाकू विमान सुखोई-30 खरीदा गया था, ‘राफेल’ की ज़रूरत क्यों पड़ी?
पहले मिग -21 के पायलट कैप्टन हरकीरत सिंह
बता दें कि साल 23 सितंबर 2008 की रात मिग 21 का दो विमानों वाली अभ्यास अवरोधन उड़ान बाइसन में भरनी थी। उस समय कैप्टन हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे। करीब चार किलोमीटर की ऊंचाई पर अवरोध प्रक्रिया के दौरान इंजन से तीन धमाके हुए। हरकीरत सिंह ने तुरंत आग पर काबू पाया, जिससे विमान को लैंड करवाया जा सका।
7000 किमी की दूरी दो दिन में तय करेंगे राफेल
फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भर चुके 5 राफेल जेट करीब 7000 किमी की दूरी तय करेंगे। दो दिनों राफेल जेट भारत पहुँच जाएंगे। इस दौरान रास्ते में वह यूएई में रुकेंगे। बता दें कि साल 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी। भारतीय वायुसेना के शौर्य और पराक्रम को सौ गुना बढ़ाने राफेल आ रहा है।
Ambassador @JawedAshraf5
visited the Rafale Assembly line, training facilities and interacted with officials from @Dassault_OnAir@gouvernementFR @MEAIndia @IndianDiplomacy @DDNewslive @ANI @IAF_MCC @DefenceMinIndia @rajnathsingh pic.twitter.com/ccrEPIVwkY— India in France (@Indian_Embassy) July 27, 2020
राफेल की खासियत:
-लड़ाकू विमान राफेल एक मल्टीरोल फाइटर विमान है।
-राफेल की खासियत है कि वह हवा में हवा के अलावा ज़मीन पर हमला कर सकता है।
-बेहद कम ऊंचाई पर रहने के बावजूद राफेल एक साथ हवा व ज़मीन पर परमाणु हमला व मिसाइल दागने में सक्षम है।
-विमान इलेक्ट्रानिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में दुश्मन की पोजीशन खोज लेता है।
ये भी पढ़ेंः आ रहा दुश्मन का काल, चल चुका है तूफान बनकर राफेल
-यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है और नजदीकी लड़ाई के दौरान एक साथ कई टारगेट पर नजर रख सकता है।
-राफेल जमीनी सैन्य ठिकाने के अलावा विमानवाहक पोत से भी उड़ान भरने के सक्षम है।
-ये लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ढोने समेत तमाम तरह के मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखता है।
-1 मिनट में विमान के दोनों तरफ से 30 MM की तोप से 2500 राउंड गोले दाग सकता है।
-राफेल लड़ाकू विमान की मारक क्षमता 3700 KM. है जबकि यह 2,130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।
-यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है।
ये भी पढ़ेंः दुश्मनों का होगा पलभर में खात्मा: राफेल में है जबरदस्त खासियत, जानें 10 बड़ी बातें
-300 किमी. की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी।
-हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।
-9.3 टन वजन के साथ 1650 KM. तक उड़ान भरने में सक्षम है।
-14 हार्ड प्वाइंट के जरिए भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है।
-अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।
-150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज।
-75 फीसदी विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार, परमाणु हथियार ले जाने में हैं सक्षम।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।