मध्य प्रदेश : निगमकर्मियों ने पलटा ठेला, मददगारों ने पलटी किस्मत

ठेला पलटने की घटना के बाद पारस और उसके परिवार की किस्मत ही पलट गई. यह घटना सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि देशभर से पारस की मदद के लिए हाथ उठने लगे.

मध्य प्रदेश : निगमकर्मियों ने पलटा ठेला, मददगारों ने पलटी किस्मत

पारस रायकवार की किस्मत पलट गई.

खास बातें

  • अंडे का ठेला लगाता है पारस रायकवार
  • निगमकर्मियों ने पलट दिया था ठेला
  • ठेला क्या पलटा, पलट गई पारस की किस्मत
इंदौर:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore Video) में दो दिन पहले नगर निगम की मुहिम के दौरान निगमकर्मियों ने अंडे बेचने वाले एक बच्चे का ठेला पलटा दिया था. बच्चे का नाम पारस रायकवार था लेकिन इस ठेला पलटने की घटना के बाद पारस और उसके परिवार की किस्मत ही पलट गई. यह घटना सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि देशभर से पारस की मदद के लिए हाथ उठने लगे. इतना ही नहीं, पारस के परिवार के पास कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दफ्तर से फोन आया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह परिवार की मदद को आगे आए और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीड़ित परिवार के खाते में पांच लाख रुपये जमा कराने का ऐलान किया है.

एक समय था कि पारस और उसके नाना को एक-एक अंडा बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ता था लेकिन आज लगातार मिल रही मदद के कारण पारस के नाना फोन सुनते-सुनते थक गए हैं. पारस के नाना ने बताया कि मदद के लिए अब काफी लोग आगे आने लगे हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दफ्तर से भी फोन आया और मदद का आश्वासन दिया. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पांच लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराने का कहा गया है.

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा बच्चों को आर्थिक मदद एवं दोनों बच्चों को दिल्ली कॉलेज में पढ़ाने का आश्वासन दिया गया है. यही नहीं, इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला जोकि दादा दयालु कहलाते हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक फ्लैट देने की घोषणा की और बच्चों को स्कूल जाने के लिए साइकिल व आर्थिक मदद पहुंचाई. इसके अलावा दिल्ली की एक वरिष्ठ पत्रकार ने भी पारस की मदद करने के लिए एक कैंपेन चलाया है, जिसके तहत देशभर से व विदेशों से भी पारस के लिए आर्थिक मदद की गई.

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वीडियो वायरल होने के बाद नन्हे बालक पारस रायकवार की मुसीबत देखते हुए मुंबई की एक 8 साल की बच्ची ने अपनी स्कॉलरशिप के पैसों से पारस और उसके परिवार की मदद की. अब लगातार पारस की मदद के लिए हाथ उठने लगे हैं और पारस व उसके नाना अब काफी खुश नजर आ रहे हैं. वह सभी को लगातार फोन पर धन्यवाद दे रहे हैं.

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