
Ashok Gehlot Amit Malviya
नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी नाटक जारी है। कांग्रेस के अंदर की लड़ाई दिल्ली राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गयी। एक ओर राजस्थान कांग्रेस के विधायक राजभवन में धरने पर बैठे, हालांकि बाद में उनका धरना खत्म हो गया तो वहीं अब सीएम गहलोत ने कैबिनेट बैठक बुलाई है। अब इस बीच बीजेपी ने अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर अशोक गहलोत के बेट और एसओजी के प्रमुख के बीच कारोबारी संबंध होने के आरोप लगाए हैं। अमित मालवीय ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार चला रहे हैं या भ्रष्ट व्यवसायी हैं।
उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर मुकदमा दर्ज करने वाली एसओजी के प्रमुख के सीएम अशोक गहलोत के बेटे के साथ कारोबारी रिश्ते हैं। अधिकारी की पत्नी फेयरमोंट होटल के मालिकों में से एक हैं, क्या सीएम गहलोत सरकार चला रहे हैं या भ्रष्ट व्यवसायी हैं?’
Such a sham that the officer behind SOG notices and FIR against Gajendra Shekhawat happens to be a business partner of Rajasthan CM’s son. Officer’s wife happens to be one of the owners of Fairmont Hotel too!
Is CM Gehlot running a government or a corrupt business enterprise?
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 24, 2020
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राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर की नोटिस पर लगाया स्टे
सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के भेजे गए नोटिस पर फिलहाल स्टे लगा दिया गया है। अब विधानसभा स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे सकते। लेकिन अभी अन्य मामलों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। आगे की सुनवाई में इस मामले के कानून पर चर्चा होगी। हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की अपील पर कहा है कि अयोग्यता पर सिर्फ स्पीकर ही फैसला करेंगे।
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अब सभी की निगाहें पर सुप्रीम कोर्ट पर हैं। इस मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत सोमवार को सुनवाई करेगी। सचिन पायलट खेमे को इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट ने तात्कालिक राहत दी है। विधानसभा स्पीकर ने सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस जारी किया है। इस नोटिस को चुनौती वाली याचिका पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की अदालत ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति का आदेश जारी किया है।
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इसके बाद राजस्थान में गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। राज्यपाल ने कोरोना का हवाला देकर इससे इंकार कर दिया। इसके बाद गहलोत गुट के विधायकों का राजभवन में धरना दिया, लेकिन बाद में इसे खत्म कर दिआ। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर विधायक राजभवन में धरने पर बैठे थे।
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