
पत्रकार विक्रम जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. (फाइल फोटो)
खास बातें
- पत्रकार विक्रम जोशी को मारी थी गोली
- पत्रकार ने भांजी से छेड़खानी का किया था विरोध
- गाजियाबाद पुलिस की जांच में हुआ खुलासा
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad Journalist Murder) में पत्रकार विक्रम जोशी (Vikram Joshi) की हत्या के पीछे पुलिस की लापरवाही एक बड़ी वजह है. इस बात का खुलासा खुद गाजियाबाद पुलिस की जांच में हुआ है. पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या की जांच कर रहे क्षेत्राधिकारी प्रथम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, 'उपरोक्त मामले में थानाध्यक्ष विजयनगर की 16 तारीख से लेकर (जब विवाद उत्पन्न हुआ था और परस्पर आरोप लगाए गए थे), 20 तारीख तक (जब हत्या हुई थी) मामले में उचित पर्यवेक्षण की कमी पाई गई है और समय से निरोधात्मक एवं वैधानिक कार्रवाई न करना पाया गया है.' इस लापरवाही के लिए इनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है.
इसी रिपोर्ट के आधार पर अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एसएचओ को भी निलंबित कर दिया है. इससे पहले दो चौकी इंचार्ज भी इस मामले में निलंबित हो चुके हैं. इंस्पेक्टर विजय नगर के निलंबन के साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कई बदलाव किए हैं. शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी देवेंद्र बिष्ट को विजयनगर थाना प्रभारी बनाया गया एवं गैर जनपद से आए इंस्पेक्टर कृष्ण गोपाल शर्मा को थानाध्यक्ष सिहानी गेट बनाया गया है.
इंस्पेक्टर सिहानी गेट दिलीप बिष्ट को पुलिस लाइन भेजा गया है. जनपद में 7 क्षेत्राधिकारी में से 4 क्षेत्राधिकारी ऐसे हैं, जिनके जनपद में तैनाती के 3 वर्ष का निर्धारित कार्यकाल पूरा हो चुका है या होने वाला है, उनको भी सचेत किया है कि जब तक स्थानांतरण आदेश नहीं आता है तब तक पूर्ण मनोयोग से कार्य करें और हीला-हवाली ना बरतें.
VIDEO: पत्रकार की हत्या के बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल