क्‍या थी वजह जो राजा मान सिंह ने राजस्‍थान के तत्‍कालीन CM के हेलीकॉप्‍टर को जीप से मार दी थी टक्‍कर..

मानसिंह ने 1951 में सियासत में प्रवेश किया और निर्दलीय प्रत्‍याशी रहते हुए भी अपने हर चुनाव में जीत हासिल की. लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता गजब की थी. वे किसानों में राजा के नाम से भी जाने जाते थे.

क्‍या थी वजह जो राजा मान सिंह ने राजस्‍थान के तत्‍कालीन CM के हेलीकॉप्‍टर को जीप से मार दी थी टक्‍कर..

मानसिंह ने गुस्‍से में राजस्‍थान के तत्‍कालीन CM के चॉपर को टक्‍कर मार दी थी (प्रतीकात्‍मक फोटो)

Raja Man Singh Death Case: वर्ष 1985 के राजा मान सिंह (Raja Man Singh) की मौत के मामले में मथुरा की अदालत ने 11 पुलिस कर्मियों को दोषी ठहराया है. मामले में सजा का ऐलान बुधवार को किया जाएगा. 80 के दशक में राजा मान सिंह का यह मामला सुर्खियों में रहा था. वर्ष 1985 में मानसिंह पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे. इससे, एक दिन पहले उन्होंने राजस्‍थान के तत्‍कालीन हेलीकॉप्‍टर में अपनी जीप से जोरदार टक्‍कर मारी थी. दरअसल राजा मानसिंह राजस्‍थान की भरतपुर (Rajasthan's Bharatpur) रियासत के महाराजा कृष्‍ण सिंह जी के तीसरे पुत्र थे. गौरतलब है कि 80 के दशक में राजा मान सिंह का मामला बेहद चर्चा में रहा था. वर्ष 1985 में मानसिंह राजस्थान के भरतपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे. इससे, एक दिन पहले उन्होंने राजस्‍थान के तत्‍कालीन हेलीकॉप्‍टर में अपनी जीप से टक्‍कर मारी थी और उनकी रैली के मंच को भी नुकसान पहुंचाया था. ऐसे में इस बात को जानने की उत्‍सुकता हर किसी में होगी कि राजा मानसिंह आखिरकार कौन थे जो प्रदेश के सीएम के खिलाफ इस तरह 'गुस्‍सा जताया था.

दरअसल राजा मानसिंह, भरतपुर रियासत के महाराजा कृष्‍ण जी के तीसरे बेटे थे और उनका जन्‍म 5 दिसंबर 1921 को हुआ था. उन्‍होंने इंग्‍लैंड में उच्‍च शिक्षा हासिल की और लंदन से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री लेकर देश लौटे. ब्रिटिश मिलिट्री में अज्ञातवास में रहकर मानसिंह ने कैप्‍टन के रूप में भी काम किया. उन्‍हें राजा साहब सीनियर के नाम से भी जाना जाता था.

मानसिंह का विवाह वर्ष 1945 में कोल्‍हापुर राज्‍य के ठिकाना कांगल के नरेश की बेटी राजकुमारी अजय कौर से हुआ और उनकी तीन बेटियां हैं. मानसिंह ने 1951 में सियासत में प्रवेश किया और निर्दलीय प्रत्‍याशी रहते हुए भी अपने हर चुनाव में जीत हासिल की. लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता गजब की थी. वे किसानों में राजा के नाम से भी जाने जाते थे. वर्ष 1885 मं विधानसभा चुनाव के दौरान डींग क्षेत्र से राजा मान सिंह के खिलाफ कांग्रेस प्रत्‍याशी के रूप में रिटायर IAS बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा गया. उस समय कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओ द्वारा उनके झंडे का अपमान किया गया जो उन्‍हें नागवार गुजरा. बस फिर क्‍या था राजा मानसिंह ने गुस्‍से में आकर अपनी जीप से तत्‍कालीन सीएम के रैली स्‍थल को नुकसान पहुंचाया और हैलीपेड पर खड़े उनके हेलीकॉप्‍टर को भी टक्‍कर मारी. वे इस घटना के बाद 21 फरवरी को आत्‍मसमर्पण करने अपने कुछ साथियों के साथ डींग थाने जा रहे थे इसी दौरान रास्‍ते में तत्‍कालीन डिप्‍टी एसपी और पुलिसकर्मियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिससे मौके पर ही मानसिंह की मौत हो गई थी. 

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