उत्तर प्रदेश : इंस्पेक्टर की हत्या के आरोपी संग कार्यक्रम में दिखे BJP नेता, सफाई में कहा- मैं सिर्फ मुख्य अतिथि था

बीजेपी के बुलंदशहर जिले के अध्यक्ष अनिल सिसोदिया (Anil Sisodia) की एक तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में उनके साथ शिखर अग्रवाल नाम का शख्स नजर आ रहा है.

उत्तर प्रदेश : इंस्पेक्टर की हत्या के आरोपी संग कार्यक्रम में दिखे BJP नेता, सफाई में कहा- मैं सिर्फ मुख्य अतिथि था

अनिल सिसोदिया से सर्टिफिकेट लेते हुए शिखर अग्रवाल.

खास बातें

  • बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं अनिल सिसोदिया
  • दिसंबर 2018 में हुई थी बुलंदशहर हिंसा
  • इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हुई थी हत्या
बुलंदशहर:

दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr Mob Violence) में गोकशी के शक में भड़की भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या कर दी गई थी. अब यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल बीजेपी के बुलंदशहर जिले के अध्यक्ष अनिल सिसोदिया (Anil Sisodia) की एक तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में उनके साथ शिखर अग्रवाल नाम का शख्स नजर आ रहा है. शिखर अग्रवाल वही शख्स है, जिसपर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या की साजिश रचने का आरोप है.

यह तस्वीर 14 जुलाई की है. अनिल सिसोदिया 'प्रधानमंत्री जन-कल्याणकारी योगी जागरूकता अभियान' संगठन द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वह भारत सरकार की योजनाओं का पूरे भारत में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. उनका दावा है कि बीजेपी के शीर्ष नेता उनके मेंटर हैं.

सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसमें बीजेपी जिलाध्यक्ष शिखर अग्रवाल को सर्टिफिकेट देते हुए नजर आ रहे हैं. सर्टिफिकेट में शिखर को संगठन का महासचिव बताया गया है. शिखर बीजेपी की युवा इकाई का स्थानीय अध्यक्ष रह चुका है. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है.

तस्वीर वायरल होने के बाद अनिल सिसोदिया ने फोन पर बात करते हुए इस बारे में कहा, 'संगठन का बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है. मुझे बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था. इससे ज्यादा इस बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है.' सिसोदिया ने कैमरे पर बोलने से साफ इंकार कर दिया.

वहीं इस तस्वीर के बारे में बात करते हुए शिखर अग्रवाल ने कहा, 'आरोप लगाना एक बात होती है और साबित होना अलग बात. मैंने अपनी जिंदगी में कुछ भी गलत नहीं किया है.'

दरअसल, 3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना इलाके में कथित रूप से गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा फैल गई थी. पुलिस को इसकी सूचना दी गई. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी. पुलिस भीड़ को समझाने की कोशिश कर ही रही थी कि उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई. वहीं गोली लगने से सुमित नाम का एक युवक भी मारा गया था.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को न सिर्फ गोली मारी गई थी, बल्कि पहले कुल्हाड़ी से उनके सिर पर वार कर बुरी तरह से घायल कर दिया गया था. उनकी उंगलियां भी काटी गई थीं. इंस्पेक्टर की ही लाइसेंसी रिवॉल्वर छीनकर उन्हें गोली मारी गई थी. बाद में हमलावरों ने सुबोध कुमार के शव को उनकी ही सरकारी गाड़ी में डालकर जलाने की कोशिश भी की थी.  पकड़े गए कई आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था.

पिछले साल अगस्त में बुलंदशहर हिंसा के 33 आरोपियों में से 7 को जमानत मिल गई थी. इनमें से एक शिखर अग्रवाल भी था. जेल के बाहर शिखर अग्रवाल का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया था और 'जय श्रीराम' के नारे लगाए गए थे. इसको लेकर भी खासा विवाद हुआ था.

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