
Coronavirus : बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है
बिहार में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को 1742 मरीज़ मिले हैं जो एक दिन में अब तक का रिकॉर्ड है. इन मरीजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव और बिहार सरकार में मंत्री विजय सिन्हा शामिल हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक तीन सदस्य टीम बिहार भेजने का फ़ैसला किया है. केंद्र सरकार की इस तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल करेंगे और ये टीम रविवार को पटना पहुंचेगी. लेकिन माना जा रहा हैं कि हर दिन पिछले चार दिन से दस हज़ार से कुछ अधिक टेस्टिंग करने वाले बिहार में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या दस से तेरह प्रतिशत है.
और ये भी एक ऐसे समय में जब पूरे राज्य में एक समान टेस्टिंग की न व्यवस्था है और न समय पर लोगों के रिपोर्ट आ रही है. राज्य में बढ़ते संक्रमित व्यक्तियों की संख्या धीरे-धीरे ठीक होने वाले लोगों का दोगुना होता जा रहा है जिससे राज्य में रिकवरी रेट भी अब 65प्रतिशत से कम हो गया है. एक हफ़्ते पूर्व तक ये 75प्रतिशत के आस पास होता था.
राज्य में सबसे ख़राब हालत राजधानी पटना की है. यहां लैब तकनीशियन के संक्रमित होने के कारण सबसे बड़े जांच केंद्र आरएमआरआई में तीन दिन तक टेस्ट बंद कर दिया गया है. यहां हर दिन क़रीब 2500 सैम्पल की जांच होती थी. इसके अलावा शायद ही कोई अस्पताल बचा हो जहाँ के डॉक्टर पॉज़िटिव नहीं पाये गये हैं. हालत कितनी ख़राब है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि आईएमए के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर एम्स पटना में आधे बेड केवल मेडिकल सेवा से जुड़े लोगों के लिए रिज़र्व करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो अपने परिवार के एक सदस्य के संक्रमित होने के बाद ख़ुद से आइसोलेशन में चले गए हैं उन्होंने अब निर्देश दिया है कि बिहार में आइसोलेशन सीटों की संख्या बढ़ायी जाए इसके लिए सभी नर्सिंग स्कूलों और कॉलेजों में भी बेड लगाकर वहां विशेष वॉर्ड बनाया जाएं.