
प्रतीकात्मक फोटो.
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर का भारत को ज्यादा फायदा नहीं मिला. ब्लूमबर्ग के मुताबिक राबोबैंक (Rabobank) ने अपनी ताजा रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है. राबोबैंक के आकलन का हवाला देते हुए ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड वॉर की वजह से चीन से अमेरिका को होने वाला निर्यात घटा है. लेकिन अमेरिका के साथ अच्छे संबंध होने और लोकल मैन्युफैक्चरिंग बेस को मजबूत करने की कोशिश के बावजूद भारत को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिला है.
राबोबैंक के मुताबिक भारत से अमेरिका होने वाले निर्यात में मामूली बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है, ऐसे वक्त पर जब अमेरिकी कम्पनियां चीन को छोड़कर दूसरे देशों में अपनी सप्लाई चैन शिफ्ट कर रही थीं. 2019 में चीन में बने सामान का अमेरिका में आयात 17% तक गिरा.
ट्रेड वॉर की वजह से चीन से जो सबसे ज्यादा बिज़नेस बाहर गया है वो कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट का है जिसका मैन्युफैक्चरिंग बेस भारत में बहुत छोटा है. रॉबोबैंक ने आपने आंकलन में पाया है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का सबसे ज्यादा फायदा वियतनाम, मेक्सिको और ताइवान को हुआ. पिछले साल अमेरिका के कुल आयात में वियतनाम की हिस्सेदारी 20%, मेक्सिको की 16 % और ताइवान की 10% थी.
बैंक का पूर्वानुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो तनाव है उसके मद्देनज़र आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई चैन में और ज्यादा बदलाव दिखेगा.
VIDEO: भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद