
मामले में बीजेपी के एक पदाधिकारी की भी 'भूमिका' सामने आई
बिहार (Bihar) में बाढ़ का मौसम आ गया है, लेकिन जल संसाधन विभाग सोशल मीडिया पर तटबंध टूटने के अफ़वाह से परेशान है. ऐसी ही एक अफ़वाह फैलने और पुरानाा वीडियो वायरल होने पर एफआईआर दर्ज कराई गई और पांच लोगों को हिरासत में लिया गया. इनमें दरभंगा ज़िले के अलीनगर ब्लॉक के बीजेपी मंडल प्रमुख लाल मुखिया भी शामिल थे.
दरअसल जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) की एक इंजीनियर ने सोमवार को बिहार के दरभंगा ज़िले के सतत् थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई, इसमें अज्ञात असामाजिक तत्वों पर तटबंध टूटने की अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाया गया. शिकायत में कहा गया कि सोशल मीडिया पर तटबंध टूटने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों और अधिकारियों के बीच अफ़रातफ़री मच गई. एफआईआर में मामले की जांच कर अफ़वाह फैलाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई. जांच के दौरान साइबर सेल के अधिकारियों ने जब वायरल वीडियो के सोर्स का पता लगाया और पांच व्यक्तियों की पहचान (identified) की.
दरभंगा के पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने कहा कि पांच लोगों को हिरासत में लिया गया लेकिन ख़बर ये भी आई कि ऐसे संवेदनशील मामले में सबको बांड भरवाकर छोड़ दिया गया. इस मामले में दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर का कहना है कि पूरा मामला ग़लतफ़हमी का हैं. हालांकि यह माना जा रहा है चूंकि मामला सत्तारूढ़ गठबंधन का था इसलिए पुलिस ने इसमें नरम रुख अख़्तियार किया. वैसे, इस घटना को लेकर सियासी गलियारे में ये चर्चा शुरू हो गयी हैं कि आख़िर क्या कारण हैं कि सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं. यह ऐसी पहली घटना बताई जा रही है जहां अफ़वाह फैलाने के आरोपी को थाने से रिहा कर दिया गया.