उत्तर प्रदेश सरकार विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं करे : मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे

उत्तर प्रदेश सरकार विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं करे : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

कानपुर (Kanpur) के कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) की कथित एनकाउंटर (Encounter) में मौत को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने भी उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि यूपी सरकार विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं करे. सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे.

मायावती ने रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि ''बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए. इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकांड के दुर्दांत विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि ''यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है. सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे.''

बसपा नेत्री ने कहा कि ''इसी प्रकार, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध अभियान की आड़ में छांट छांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा.''

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इससे पहले मायावती ने विकास दुबे एनकाउंटर की जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दांत विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

गौरतलब है कि कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था. यूपी पुलिस जब उसे साथ लेकर कानपुर जा रही थी तब कानपुर के करीब कथित रूप से पुलिस का वाहन पलट गया. इस दौरान विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और कथित रूप से पुलिस पर फायरिंग की जिसके बाद पुलिस ने उसे मार गिराया.