
26 जून और 10 जुलाई को दो सैटेलाइट तस्वीरों द्वारा अंतर को समझा जा सकता है
सैटेलाइट द्वारा 10 जुलाई को ली गई हाई रिजोल्यूशन तस्वीरें NDTV के पास हैं. इन तस्वीरों से साफ हो रहा है कि लद्दाख में पैंगोंग झील के फिंगर 4 एरिया से चीनी सेना पीछे की तरफ हट रही है. इससे पहले की तस्वीरों में चीनी सेना द्वारा किए जा रहे निर्माण नजर आ रहे थे. लगातार एक्टिव नजर आ रही थी. हालांकि अभी भी वहां सैकड़ों टेंट और शेड्स नजर आ रहे हैं जो कि इस बात का संकेत हैं कि भले ही वहां से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट रही हैं लेकिन अभी इसमें वक्त लगने वाला है. फिलहाल चीनी सेना द्वारा पूरी तरह से पीछे हटने और अप्रैल में दोनों सेनाओं के बीच तनाव शुरू होने से पहले वाली स्थिति में लौटने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे.
गौरतलब है कि फिंगर 4 के 10 किलोमीटर पूर्व में स्थित एक घाट पर तैनात रहने वाले और झील में गश्त लगाने वाले चीन के फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट में भी बदलाव जैसा प्रतीत होता है. हालांकि ये अब भी उस इलाके के अंदर हैं जिसे भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपना इलाका मानता है और जो ऐतिहासिक खुरनाक किले के पास है जो उस घाट से 11 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. यहां दो खास तरह की 11 चीनी बोट नजर आ रही हैं, जो कि घाट पर खड़ी दिखाई दे रही हैं. घाट के पास पहाड़ी के ऊपर की तरफ चीन का एक बड़ा नक्शा खुदा हुआ है.


शुक्रवार को भारत चीन सीमा क्षेत्रों पर बात करने के लिए WMCC (Working Mechanism for Consultation and Coordination) की बैठक हुई. जहां दोनों देशों ने तय किया कि वह LAC पर सैनिकों को पीछे हटाएंगे और शांति बहाली की दिशा में काम करेंगे.
अगले हफ्ते एक बार फिर दोनों देशों के बीच सेना स्तर की बातचीत होगी. लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की इस बातचीत में तनाव की स्थिति का आकलन किया जाएगा. भारतीय और चीनी सैनिकों ने अपने देश की सेनाओं के बीच एक बफर जोन बनाया है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की वापसी की पुष्टि सैटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों से हुई है. सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
Video: LAC पर कुछ इलाकों में पीछे हटी सेनाएं