केरल में पटाखे से गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

अदालत से विस्फोटक का इस्तेमाल करने जैसी प्रथा के बर्बर तरीकों को अवैध, असंवैधानिक और अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन घोषित करने की मांग

केरल में पटाखे से गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

केरल में गर्भवती हथिनी की पटाखा खिला देने से मौत हो गई थी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

केरल के कोल्लम जिले में पटाखे से गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में जनहित याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, केरल सरकार और 12 राज्यों को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. जनहित याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत विस्फोटक का इस्तेमाल करने जैसी प्रथा के बर्बर तरीकों को अवैध और असंवैधानिक और अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन घोषित करे. साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 में आवश्यक संशोधन करने और दंडात्मक व्यवस्था को और अधिक सख्त बनाने के लिए आदेश जारी करे. 

याचिका में यह भी कहा गया है कि अदालत मीडिया और संबंधित अधिकारियों द्वारा इस तरह की खबरों के सावधानीपूर्वक और संवेदनशील संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी करे ताकि समाज में किसी तरह का विरोध पैदा न हो.

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से इस मामले के बारे में सूचना की कमी के कारण विभिन्न मीडिया चैनलों और ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे का मीडिया ट्रायल हुआ. इसके परिणामस्वरूप मलयाली / केरल वासियों का उत्पीड़न हुआ क्योंकि उन्हें मीडिया में हाथी के हत्यारे के रूप में चित्रित किया गया था.

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