
प्रतीकात्मक तस्वीर
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. यूजीसी की गाइडलाइन्स में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित कराने के बारे में कहा गया है. सोमवार को हुई मीटिंग में यूजीसी के अधिकारियों ने ये फैसला लिया कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं. यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन्स में ये भी बताया गया है कि बैक-लॉग वाले छात्रों को परीक्षाएं अनिवार्य रूप से देनी होंगी. वहीं, अन्य जो स्टूडेंट्स सितंबर की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे तो यूनिवर्सिटी उन स्टूडेंट्स के लिए बाद में स्पेशल परीक्षाएं आयोजित करेगी. जब भी संभव हो, विश्वविद्यालय द्वारा इन विशेष परीक्षाओं को संचालित किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थी को किसी भी असुविधा / नुकसान का सामना न करना पड़े. उपरोक्त प्रावधान केवल वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सिर्फ एक बार के उपाय के रूप में लागू होगा.
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The UGC has revisited its earlier guidelines related to university examinations.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 6, 2020
In view of the safety, career progression and placements of the students and their larger interests, after consulting @HMOIndia and @MoHFW_INDIA, it has been decided that pic.twitter.com/evKTYPwnIa
बता दें कि इंटरमीडिएट सेमेस्टर / वार्षिक परीक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में 29.04.2020 को अधिसूचित दिशानिर्देश यथावत लागू रहेंगे. शैक्षणिक कैलेंडर और विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से जुड़े मामलों से संबंधित अन्य प्रासंगिक विवरण अलग से जारी किए जाएंगे.
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अप्रैल में जारी की गई यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और अकेडमिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों को संशोधित करने के लिए कहा था. मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा था, "मैंने UGC को इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के लिए पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन्स को फिर से जारी करने की सलाह दी है. संशोधित गाइडलाइन्स की नींव छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी."