
भारत का सकल घरेलू उत्पाद इस वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह बात कही. ताजा प्रोजेक्शन सरकार द्वारा इस साल अप्रैल में लगाए गए पुर्वानुमान से 6.4 प्रतिशत प्वाइंट कम था. कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ एक वैक्सीन की अनुपस्थिति के कारण होने वाली अनिश्चितता अर्थव्यवस्था के लिए एक "गंभीर चुनौती" है, आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) ने अपनी व्यापक आर्थिक रिपोर्ट में कहा. हालांकि, सरकार के संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक कल्याण उपायों से अर्थव्यवस्था के सुधार में मदद मिलेगी.मासिक रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन का निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, वहीं आयात में भारी गिरावट के कारण और वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कम कीमत हुई है.
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चालू वित्त वर्ष में अब तक राजस्व प्राप्तियों में साल-दर-साल आधार पर 68.9 प्रतिशत की गिरावट आई है.