कानपुर में विकास दुबे का खौफ: लॉकडाउन में कर्मचारियों की छंटनी के लिए एक कंपनी को लेनी पड़ी थी इजाजत!

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना के बाद हिस्ट्री-शीटर विकास दुबे के खौफ से जुड़े कई बातें सामने आ रही हैं.

कानपुर में विकास दुबे का खौफ:  लॉकडाउन में कर्मचारियों की छंटनी के लिए एक कंपनी को लेनी पड़ी थी इजाजत!

कानपुर : बिकरू गांव में JCB को लगाकर पुलिस का रास्ता रोका गया था.

नई दिल्ली :

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना के बाद हिस्ट्री-शीटर विकास दुबे के खौफ से जुड़े कई बातें सामने आ रही हैं. हालांकि उसके बारे में कोई कुछ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन उसके खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग आपसी विवाद और मामलों में प्रशासन या पुलिस से मदद मांगने के बजाए विकास दुबे के पास जाते हैं. उसी इलाके में एक बड़ी कंपनी में काम करने वाले स्थानीय शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हाल ही में लॉकडाउन की वजह से कई लोगों की छंटनी की गई है लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले कंपनी को विकास दुबे से इजाजत लेनी पड़ी. शख्स ने बताया कि कंपनी के कर्मचारी इसकी शिकायत लेकर विकास दुबे के पास पहुंच गए थे. कंपनी की ओर से विकास दुबे के सामने से गुहार लगाई और भरोसा दिया गया, 'बाद में आप जैसा चाहेंगे वैसी ही कर लेंगे'.

विकास दुबे को पता है सत्ता की ताकत
विकास दुबे को नेताओं को संरक्षण तो मिला ही है साथ ही उसे इस बात का भी पूरी तरह से अहसास है कि सत्ता में बैठी पार्टियों से हाथ मिलाकर वह कुछ भी कर सकता है. इसीलिए राज्य में जिस किसी की भी पार्टी की सरकार होती वह उसकी के साथ हो लेता. मतलब राज्य में सभी प्रमुख पार्टियों के साथ वह हाथ मिला चुका है.

इलाके में है राजनीतिक रसूख
विकास दुबे का इलाके में राजनीतिक रसूख भी है. जहां वह खुद भी जिला पंचायत सदस्य रह चुका है तो उसकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं. पुलिस महानिदेशक एच सी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है तथा उस पर 60 मामले दर्ज हैं.  उन्होंने बताया कि कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था. 

क्या हुआ था बीती रात
कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए.  पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.  अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था.  उसी दौरान मुठभेड़ हो गई.  दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं.  अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था.  उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एसपी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए. 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस सी अवस्थी ने बताया कि कुख्यात अपराधी को छापेमारी की संभवत: भनक लग गई थी.  अवस्थी ने बताया कि दुबे और उसके साथियों ने अपने ठिकाने की ओर बढ़ रहे पुलिस कर्मियों को रोकने के लिए जेसीबी आदि लगा कर रास्ते को बाधित कर दिया था. पुलिस के दल को इसकी जानकारी नहीं थी. 

उन्होंने बताया कि रास्ता बाधित होने से पुलिस दल रुका और उसी दौरान अपराधियों ने एक इमारत की छत से अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी.  घटना की सूचना पा कर अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), महानिरीक्षक (कानपुर) और कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंच गए हैं.  कानपुर की फॉरेंसिक टीम जाँच कर रही है, लखनऊ से भी एक टीम आएगी.  डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को भी वहां भेजा गया है. 

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कर्तव्यपालन के दौरान जान गंवाने वाले आठ पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है.  साथ ही  घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा मौके से रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. 

विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार
इस बड़ी घटना के बाद यूपी की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, यूपी में गुंडाराज का एक और प्रमाण. जब पुलिस सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे होगी? मेरी शोक संवेदनाएँ मारे गए वीर शहीदों के परिवारजनों के साथ हैं और मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.' 

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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें यूपी पुलिस के सीओ, एसओ सहित 8 जवान शहीद हो गए. यूपी पुलिस के इन शहीदों के परिजनों के साथ मेरी शोक संवेदनाएं। यूपी में कानून व्यवस्था बेहद बिगड़ चुकी है, अपराधी बेखौफ हैं. आमजन व पुलिस तक सुरक्षित नहीं है.  कानून व्यवस्था का जिम्मा खुद सीएम के पास है. इतनी भयावह घटना के बाद  उन्हें सख़्त  कार्यवाही करनी चाहिए. कोई भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए.

सपा अध्यक्ष अखिलेश याद ने भी इस घटना पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि! उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है.  अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए. (इनपुट भाषा से भी)