
चंद्र ग्रहण 2020: 5 जुलाई को लगेगा साल की तीसरा चंद्र ग्रहण.
Chandra Grahan 2020: पिछले महीने ही देशभर में दो ग्रहण देखने को मिले थे. सबसे पहले महीने की शुरुआत में 5 जून को चंद्र ग्रहण और फिर उसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण. इसके बाद अब एक बार फिर 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने वाला है. आपको बता दें 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) भी है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. असल में 5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) होगा. आपको बता दें, यह साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा और इसके बाद आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नंवबर को लगेगा. तो चलिए आपको 5 जुलाई को लगने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में सारी जरूरी डिटेल्स बताते हैं.
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यह ग्रहण कैसा होगा?
5 जुलाई 2020 को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहण?
उपछाया चंत्र ग्रहण (Penumbra Lunar Eclipse) तब लगता है, जब पृथ्वी सूरज और चांद के बीच तो आती है लेकिन तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र (Umbra) नहीं पड़ती. बता दें, पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया को अंब्र कहा जाता है. चांद के बाकी के हिस्सों पर पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे पिनंब्र या उपछाया (Penumbra) कहा जाता है.
कितने बजे दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?
टाइमएंडडेट.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उपछाया चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा. इसके बाद यह 9 बजकर 59 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में होगा और सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. यह ग्रहण लगभग दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड तक रहेगा.
क्या भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?
आपको बता दें, साल का तीसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लगने वाला है.
किन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?
यह ग्रहण यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा. इस ग्रहण का कुल समय तकरीबन पौने तीन घंटे कहा जा रहा है.
कैसे लगता है चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण?
असल में यह एक खगोलीय घटना होती है. चंद्र ग्रहण उस खगोलीय घटना को कहा जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. वहीं, सूर्य ग्रहण तब माना जाता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है.
क्या है ग्रहण सूतक काल?
शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है. इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता है. हालांकि, सामान्य तौर पर ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है और ग्रहण के खत्म होते ही सूतक भी खत्म हो जाता है.
चंद्र ग्रहण कैसे देख सकते हैं?
चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. आप चाहें तो टेलिस्कोप की मदद से भी चंद्र ग्रहण देख सकते हैं.