महाराष्ट्र सरकार का आदेश- 'मराठी भाषा नहीं जानते तो नहीं बढ़ेगा वेतन'

आदेश में कहा गया है, "यदि अधिकारी अपनी गोपनीय रिपोर्टों में मराठी भाषा का उपयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी."

महाराष्ट्र सरकार का आदेश- 'मराठी भाषा नहीं जानते तो नहीं बढ़ेगा वेतन'

मुंबई:

महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी प्रस्ताव (गवर्मेंट रिजोल्यूशन) जारी कर अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह आधिकारिक संचार के लिए भाषा के रूप में मराठी का उपयोग करें. सरकारी संकल्प में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को अपनी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) में मराठी भाषा के उपयोग की एंट्री करने की आवश्यकता है. आदेश में कहा गया है, "यदि अधिकारी अपनी गोपनीय रिपोर्टों में मराठी भाषा का उपयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी."

यह सरकारी प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के 1986 के सरकारी प्रस्ताव के आधार पर मराठी भाषा विभाग द्वारा जारी किया गया था.

कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों के लिए कॉलेज खोलेगा महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के लिए कोल्हापुर में एक मराठी माध्यम कॉलेज खोलेगी . महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि यह निर्णय पड़ोसी राज्य में रहने वाली मराठी भाषी आबादी की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया गया है.उन्होंने कहा कि यह नया राजकीय महाविद्यालय कोल्हापुर में शिवाजी विश्वविद्यालय का उप-केंद्र होगा. सामंत ने कहा कि कोल्हापुर जिला कलेक्टर प्रस्तावित कॉलेज के लिए पांच एकड़ भूमि प्रदान करेंगे जिसके बाद सभी आवश्यक आधिकारिक मंजूरी दी जाएंगी.

विज्ञप्ति के अनुसार, कॉलेज अगले शैक्षणिक वर्ष से काम करना शुरू कर देगा. शिवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति नितिन कर्मलकर विल के नेतृत्व वाली एक समिति इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के तौर तरीकों निगरानी रखेगी. कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषी लोगों की ठीक-ठाक आबादी है.

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(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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