
नई दिल्ली कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को डॉक्टर्स डे पर दुनिया के अलग-अलग देशों में मौजूद भारतीय स्वास्थ्य कर्मियों से बात की और उनके अनुभव को जानने की कोशिश की। राहुल से बातचीत करने वाले नर्सों में लिवरपूल, इंग्लैंड से शर्ली, एम्स दिल्ली के विपिन, राजस्थान (फिलहाल ऑस्ट्रेलिया) निवासी नरेंद्र और न्यूजीलैंड में काम कर रही अनु रंगत से बातचीत की।
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राहुल गांधी ने पूछा कि इस दौरान तो गैर कोविड पेशेंट्स को दिक्कत होती होगी जिस पर शर्ली ने बताया कि ब्रिटेन के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा जारी है। रेड और ग्रीन जोन बनाए गए हैं। इस बीच विपिन ने कहा कि यह सवाल भारत के लिए ज्यादा जरूरी है। मेरे पास कई पेशेंट्स के फोन आए जो कैंसर के पेशेंट्स थे लेकिन हम उनके लिए कुछ कर नहीं पाए।
राहुल गांधी के सवाल
राहुल ने डॉक्टर्स डे पर कहा गर्व है आप पर.. कांग्रेस नेता पूछा कि दिल्ली में अब टेस्टिंग ही नहीं हो रही हैं।जो डॉक्टर बाहर काम कर रहे हैं, वो भारत के डॉक्टरों को क्या सलाह देंगे। दुनिया में भारतीय डॉक्टरों को इतना सम्मान कैसे है, लोग कहते हैं कि हम इनके बिना अस्पताल नहीं चला सकते हैं।
On #DoctorsDay, I am immensely grateful to the dedicated professionals who inspire hope in #Covid19 times.
Today at 10 am, watch 4 dedicated nurses in conversation with me about the Covid crisis and how we should react to it. pic.twitter.com/PujxVQbdvE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 1, 2020
डॉक्टर्स के जवाब
इंग्लैंड में डॉक्टरी पेशा से जुड़ी शैर्ली, ने कहा- हमारे पास हर रोज मरीज आ रहे थे, शुरुआत में काफी डर था क्योंकि किसी को कुछ पता नहीं था। जब मैं एक मरीज को देख रही थी तो उसे कोई लक्षण नहीं था, उसके सिर्फ पेट में दर्द था। जब जांच की तो उसकी चेस्ट में कोविड था और वो लगातार गंभीर होता गया। जब ब्रिटेन में लॉकडाउन नहीं हुआ था। तब से ही हम पीपीई किट समेत काफी सावधानी बरत रहे हैं। मैं काम कर रही हूं, इस वजह से अब मेरे पति घर को संभाल रहे हैं, वो बच्चों को भी देख रहे हैं। ब्रिटेन में लोग डॉक्टरों का काफी सम्मान कर रहे हैं।
केरल के विपिन ने कहा-। मैं अभी क्वारनटीन हूं। भारत में 1.2 मिलियन एलोपेथिक डॉक्टर हैं, जबकि 3 मिलियन से अधिक नर्स हैं। लेकिन भारत में प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में जमीन आसमान का अंतर है। प्राइवेट अस्पतालों में यही दिक्कत है कि उनकी सैलरी कट रही है, सरकार को मदद करनी चाहिए। दिल्ली में पहले सिर्फ 7 हजार टेस्ट कर रहे थे, लेकिन जब टेस्टिंग बढ़ी तो पॉजिटिव रेट बढ़ रहा है। अगर दिल्ली में पांच लाख केस की बात हो रही है, तो हम सिर्फ दस हजार बेड से कैसे काम चल पाएगा।
सीएम को लिखेंगे चिट्ठी
दिल्ली में दो नर्स की डेथ हो गई है, दिल्ली सरकार ने जो बोला है वो अभी तक एक करोड़ रुपये नहीं दिया गया ऐसे में अगर परिवार को मदद नहीं मिलती है, तो काफी दिक्कत होगी। इस पर राहुल ने कहा कि वो सरकार को इसपर चिट्ठी लिखेंगे। डॉक्टरों से पॉलिसी बनाने के वक्त बात होनी चाहिए, लेकिन आज कल वो नहीं हो पा रहा है। इस बीच काफी दिक्कत इस बात की भी आ रही है कि जिनको कोरोना से अलग बीमारी है, उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है
ऑस्ट्रेलिया में काम कर रहे डॉक्ट नरेंद्र सिंह, जब कोरोना शुरू हुआ, तब हमें लगा कि ये एक सामान्य फ्लू है,लेकिन जब इसने लोगों की जान लेना शुरू की, तो हर कोई हैरान हो गया। इस के बाद हमने इसके लिए तैयारी शुरू की। किसी भी डॉक्टर को मरीज को देखते वक्त पीपीई किट जरूर पहननी चाहिए और अपनी शिफ्ट में कई बार हाथ धोने चाहिए ।अगर कोई डॉक्टर कभी इन्फेक्ट होता है, तो उसमें लापरवाही भी होती है।
न्यूजीलैंड में डॉक्टर अनु ने कहा- हमारे यहां पर ऑकलैंड जैसे शहर काफी भीड़ वाले हैं, ऐसे में यहां पर काफी लोगों की जान जा सकती थी।लेकिन यहां की सरकार ने काफी अच्छा काम किया और शुरुआत में ही सख्त रुख अपनाया।
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बता दें कि कोरोना संकट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई एक्सपर्ट से बात की है। फिर चाहे वो अर्थव्यवस्था के दिग्गज हो या फिर बिजनेसमैन, इसके अलावा दुनिया के कई बड़े मेडिकल एक्सपर्ट्स से भी राहुल गांधी चर्चा कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज ये बातचीत डॉक्टर्स के साथ की और उनके अनुभव जानें। इससे पहले राहुल गांधी ने कई लोगों से कोविड-19 और भारतीय इकोनॉमी में इसके असर पर चर्चा की।