
राहुल गांधी ने विदेशों में रहने वाले भारतीय नर्सों से की बातचीत.
खास बातें
- राहुल ने Doctors Day पर नर्सों से की बातचीत.
- विदेशों में काम करने वाले भारतीय नर्सों से जुड़े
- उनके अनुभव और सम्स्याओं पर पूछे सवाल
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'Doctors Day' के मौके पर विदेशों में बतौर नर्स काम करने वाले भारतीय मूल के लोगों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 से लड़ रहे इन भारतीय नर्सों पर गर्व है और वो उन्हें बताना चाहते हैं कि उनके देश को भी उनपर गर्व है क्योंकि वो लोग बाहर देश के प्रतिनिधि हैं. उनके साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में चार लोग जुड़े थे. राहुल ने उनसे विदेशों में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का अनुभव पूछा और जानना चाहा कि वो मुश्किल वक्त में कैसे मैनेज कर रहे हैं.
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उनके साथ इस कॉन्फ्रेंस में न्यूज़ीलैंड से अनु रागनात, ऑस्ट्रेलिया से नरेंद्र सिंह, यूके से शर्ली इमोल और एम्स दिल्ली से विपिन कृष्णन जुड़े थे. राहुल ने उनसे कहा कि 'हमें यह कहने का मौका नही मिलता, लेकिन आप हमारे देश के प्रतिनिधि हैं. इस बात पर हमें गर्व है. सिर्फ आप ही नहीं बल्कि आपके जैसे लाखों भाई-बहन हैं। दरअसल आपसे बात करना मेरे लिए सम्मान की बात है.'
Watch: In conversation with nurses on the Covid19 crisis. #WeSaluteHealthHeroeshttps://t.co/FF5B9CHsGt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 1, 2020
राहुल ने उनसे पूछा कि विदेशों में इसे कैसे देखा जा रहा है, वहीं वो इससे कैसे जूझ रहे हैं. सभी ने बताया कि शुरुआत में इस बीमारी को फ्लू समझकर बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया था, लेकिन बाद में अस्पतालों में अतिरिक्त सुरक्षा बरती जाने लगी. वहीं अब कई देशों में इसका प्रकोप अब काफी हद तक कम हो गया है, जैसे कि- ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड. राहुल ने विपिन कृष्णन, जोकि कोरोना से संक्रमित हुए थे, उनसे उनके अनुभव के बारे में पूछा तो विपिन ने बताया कि उनकी पत्नी भी संक्रमित हो चुकी हैं. विपिन ने कहा कि हमारे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है. यहां पर सरकारी और निजी अस्पतालों की प्रैक्टिस में भी अंतर दिख रहा है. टेस्टिंग भी कम हो गई है. डॉक्टरों के सामने टेस्टिंग और मरीजों के इलाज को लेकर दुविधाएं खड़ी हो रही हैं.
राहुल गांधी ने पूछा कि इस महामारी से हम सबको क्या सबक लेना चाहिए, इसपर नरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें कोविड-19 गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन करना होगा, वहीं विपिन कृष्णन ने कहा कि चूंकि देश में कोरोना वॉरियर्स इस वायरस के खिलाफ एक तरह से जंग ही लड़ ही रहे हैं, ऐसे में उन्हें सरकार को जोखिम में रखना चाहिए और उन्हें जोखिम भत्ता दिया जाना चाहिए.
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