बिहार में एक से दो चरण के चुनाव कराने पर सहमति, डिजिटल प्रचार पर गैर एनडीए दलों का विरोध क्यों?

बिहार में चुनाव आयोग ने चुनाव कराने की कसरत शुरू कर दी हैं और शुक्रवार को पटना में आयोग द्वारा बुलायी गयी बैठक में अधिकांश दलों ने मतदान एक से दो फेज में कराने पर सहमति प्रकट की.

बिहार में एक से दो चरण के चुनाव कराने पर सहमति, डिजिटल प्रचार पर गैर एनडीए दलों का विरोध क्यों?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी- फाइल फोटो

पटना:

बिहार में चुनाव आयोग ने चुनाव कराने की कसरत शुरू कर दी हैं और शुक्रवार को पटना में आयोग द्वारा बुलायी गयी बैठक में अधिकांश दलों ने मतदान एक से दो फेज में कराने पर सहमति प्रकट की. वहीं, डिजिटल प्रचार के पक्ष में एनडीए के स्टैंड का राजद ने इसलिए विरोध किया कि ये एक महंगा स्वरूप हैं जिसका भार वो वहन नहीं कर सकते. चुनाव आयोग ने विधिवत रूप से इन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि कोरोना के मद्देनजर राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या में करीब तीस हजार की बढ़ोतरी की गयी.

इस बैठक में एनडीए की तरफ से जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भाजपा (BJP) ने एक चरण में मतदान कराने की मांग की, क्योंकि अब चुनावी हिंसा में काफी कमी आयी हैं और चुनाव का खर्च भी कम आयेगा. साथ ही राज्य में स्थिति बदली हैं. उन्होंने विधान परिषद के लंबित चुनाव कराने की भी मांग की. इन दलों के प्रतिनिधियों ने मांग थी कि जो मतदान केंद्र बढ़े हैं उन्हें उसी भवन में अलग से रखा जाये जहां पुराने मतदान केंद्र थे. साथ ही मतदाता सूची से आधार कार्ड को लिंक किया जाये.

प्रचार के तरीक़ों के बारे में इनका कहना था कि प्रत्याशियों को घर-घर जाकर प्रचार की अनुमति मिले. वहीं, शीर्ष नेताओं के बारे में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग जो भी गाइडलाइन तय करें वो उन्हें मान्य होगा. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने डिजिटल प्रचार का जमकर विरोध किया और कहा कि उनके पास संसाधन नहीं और अभी से पैसे वाले लोग चुनाव को प्रभावित करने में लग गये हैं.

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उन्होंने डिजिटल प्रचार को एनडीए का साज़िश बताते हुए कहा कि चुनाव के नतीजे अभी से प्रभावित करने की कोशिश हो रही हैं. उनके अनुसार नेताओं और प्रत्याशी दोनों को प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

इस बैठक से साफ़ लगा कि बिहार में चुनाव नियमित समय पर होंगे. चुनाव आयोग प्रचार के तरीक़े पर आम सहमति क़ायम करने की कोशिश कर रहा हैं. साथ ही बिहार में पहली बार मतदान पांच चरणों में नहीं होंगे और राज्य में विपक्षी दलों के पास वर्चुअल रैली करने का सामर्थ्य नहीं हैं.