
बिहार के मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार.
कोरोना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री , नीतीश कुमार पूरे देश में अपने कई निर्णय के कारण चर्चा में रहे लेकिन सबसे ज़्यादा उनके बारे में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि वो करीब तीन महीने तक पूरी सरकार अपने सरकारी बंगले और वहां स्थित दफ़्तर से राजकाज चलाते रहे. लेकिन विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के हर दिन बयान के बाद नीतीश कुमार अपनी ये छवि बदलना चाहते हैं और बुधवार को उन्होंने बाढ़ से संबंधित कई जगहों का निरीक्षण किया और इसके लिए वो उत्तर बिहार के दरभंगा से जयनगर तक गये.
मानसून के दस्तक से बिहार के कोसी और गंडक नदी के मैदानी इलाक़ों के लोग आशंकित हैं। जान-माल,मवेशी का नुक़सान हर साल होता आ रहा है, विस्थापन का सामना करते आ रहे हैं लेकिन इस निकम्मी सरकार ने 15 वर्षों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। भ्रष्टाचार का आलम ये है की यहाँ चूहे बाँध खा जाते हैं।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 23, 2020
मुख्यमंत्री ने अभी तक बाढ़ के ख़तरों को लेकर ना कोई बैठक की और ना ही प्रभावित क्षेत्रों में जाकर तैयारी का जायज़ा लिया। खानापूर्ति के नाम पर आलीशान बंगले में बैठ बिना मीडिया से बात किए एक प्रेस नोट भेज देंगे। तटबँधो की मरम्मती या नए बराज़ को लेकर सरकार कभी गम्भीर नहीं रही।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 23, 2020
नीतीश कुमार सबसे पहले दरभंगा पहुंचे. वहां उन्होंने एयरपोर्ट के निर्माण कार्य का जायज़ा लिया. उनकी सरकार यहां से दिल्ली और अन्य जगहों के लिए कमर्शियल फ़्लाइट चलाने की घोषणा कई बार कर चुकी हैं. लेकिन अभी तक रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं से नीतीश ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बातचीत भी की.

इससे पूर्व मंगलवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट कर कहा था कि मुख्यमंत्री को घर से निकलकर बाढ़ से सम्बंधित कार्यों का ख़ुद जायज़ा लेना चाहिए. हालांकि सत्तारूढ़ दल जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह का कहना हैं कि मीडिया बेवजह तेजस्वी के बयानो को ज़्यादा तूल देती है जबकि सच्चाई यही है कि नीतीश कुमार ने मंगलवार को भी बाढ़ से निबटने के उपायों पर एक बैठक की थी. उन्होंने पहले ही कह दिया था कि वो ख़ुद सब जगहों पर जाकर निरीक्षण करेंगे.