
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद अब बिहार के उप मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को और तीन महीने तक मुफ्त खाद्यान् मिले, क्योंकि फिलहाल लॉकडाउन का प्रभाव बरकरार हैं. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मंगलवार को विधिवत रूप से ये आग्रह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत कर किया. सुशील मोदी ने बाढ़ और सूखे की आशंका व्यक्त करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की. उन्होंने आग्रह किया कि कोरोना संकट के दौरान अप्रैल-जून की तरह अगले तीन महीने जुलाई-सितम्बर के लिए भी गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त खाद्यान दिया जाए.
मोदी के अनुसार लॉकडाउन का प्रभाव अभी भी कुछ हद तक बरकरार है और गरीबों को अपने जीवन यापन में मुश्किलें आ रही हैं. सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान बिहार के 8.71 करोड़ गरीबों को 3 महीने तक प्रति महीने 5-5 किलो यानी 15 किलो चावल 28 रु. बाजार मूल्य की दर से 5057.30 करोड़ का तथा 1.68 करोड़ परिवारों को 120 रु. किलो की दर से 610 करोड़ रु.की प्रति महीने 1-1 किलो यानी 3 किलो अरहर दाल मुफ्त में दिया गया.
इसके अलावा अन्य प्रदेशों से आए श्रमिकों व गैर राशनकार्डधारी 86 लाख 40 हजार लोगों को मई और जून में प्रति महीने 5-5 किलो यानी 10 किलो चावल और 2 किलो चना, कुल 337.15 करोड़ रु. का मुफ्त में दिया गया.
लॉकडाउन के दौरान कुल 6024.45 करोड़ के खाद्यान्न वितरण से गरीबों को बड़ी राहत मिली. उन्होंने दावा किया कि बिहार में एक भी ऐसा परिवार नहीं है जो मुफ्त खाद्यान्न से वंचित रहा. इसी का नतीजा रहा कि दो महीने के लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों में रहने और तमाम तरह के काम-धंघे के बंद रहने के बावजूद कहीं किसी को भूखे रहने की नौबत नहीं आई.